शिवराज का कलमनाथ पर बड़ा हमला, बताया नगर निकाय के एक्ट को तुगलकी फरमान
भोपाल । नगरीय निकाय चुनाव प्रणाली में बदलाव के अध्यादेश को राज्यपाल लालजी टंडन की मंजूरी मिलने के बाद महापौर और नगर निगम अध्यक्ष का चुनाव आम जनता नहीं कर सकेगी। नगरीय निकाय एक्ट में हुए परिवर्तन को लेकर गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की एक बड़ी बैठक होने जा रही है। जिसमें पार्टी के बड़े नेता पार्षदों के जरिए महापौर चुनाव वाले विधेयक को लेकर रणनीति पर चर्चा करेंगे। बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह, संगठन महामंत्री सुहास भगत सहित कई नगर निगम के महापौर भी शामिल होंगे। बैठक में विधेयक के विरोध और भाजपा की आगे की रणनीति पर विचार मंथन होगा।
चौहान ने नगरीय निकाय चुनाव प्रणाली में बदलाव किए जाने को लेकर मुख्यमंत्री कमलनााथ पर निशाना साधा है। बुधवार देर रात ट्वीटर के जरिए शिवराज ने मुख्यमंत्री पर राजनीतिक लाभ के लिए राजधानी को दो हिस्सों में बांटने का आरोप लगाते हुए इसका कढ़ा विरोध किया है। शिवराज ने ट्वीट कर लिखा ' जिस तरह 1905 में अंग्रेज़ क्षत्रप लार्ड कर्जऩ ने बंगाल को धर्म के नाम पर विभाजित किया था, उसी तरह आज कांग्रेस के क्षत्रप मुख्यमंत्री सिर्फ़ अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए हमारी प्रिय राजा भोज की झीलों की नगरी भोपाल को बांट कर दो नगर निगम बनाने की सिफ़ारिश कर रहे है। शांति के टापू मध्य प्रदेश की राजधानी के सामाजिक और सांस्कृतिक ढांचे को तोड़ने के इस प्रपंच का हम कड़ा विरोध करेंगे'।
शिवराज ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश की मुखिया कानून व्यवस्था को छोडक़र राजनीतिक स्वार्थ के लिए तुगलकी फरमान जारी कर रहे है। साथ ही, शिवराज ने जनता से भी सरकार के इस फैसले का विरोध करने की अपील की है। वहीं अन्य ट्वीट कर उन्होंने लिखा 'मैं भोपाल की जनता से अपील करता हूं कि कांग्रेस की बरसों से चली आयी इस कर्जऩी डिवाइड एंड रूल पॉलिसी का हम सब मिलकर पुरजोर विरोध करें। कमलनाथजी राज्य की बिगड़ती कानून व्यवस्था, शहरों का विकास, किसानों की समस्या पर ध्यान देने की बजाय महापौर के चुनाव जीतने जैसे राजनीतिक स्वार्थ हेतु ऐसे तुगलकी फैसले ले रहे है। प्रदेश के जरूरी मुद्दों से ध्यान भटकाने की यह हरकत से हम कभी भी विचलित नहीं होंगे। भोपाल एक था, एक है, और एक रहेगा। एजेंसी/हिस