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दीपावली के बाद बंगाल में संयुक्त आंदोलन करेगी माकपा और कांग्रेस

👤 Veer Arjun | Updated on:17 Oct 2019 7:08 AM GMT

दीपावली के बाद बंगाल में संयुक्त आंदोलन करेगी माकपा और कांग्रेस

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कोलकाता । पश्चिम बंगाल में अपनी खोई हुई जमीन वापस पाने के लिए वामपंथी पार्टियां कांग्रेस के साथ मिलकर संयुक्त आंदोलन की रणनीति बनानी शुरू कर दी है।

दोनों पार्टियों के सूत्रों ने बताया है कि दीपावली बीतते ही माकपा और कांग्रेस संयुक्त रूप से आंदोलन के लिए सड़कों पर उतरेगा। राज्य में भ्रष्टाचार, हिंसा, बेरोजगारी जैसेे मुद्दों को लेकर यह आंदोलन किया जाएगा। इसमें वाममोर्चा चेयरमैन विमान बोस, माकपा विधायक दल के नेता सुजन चक्रवर्ती, राज्य महासचिव सूर्यकांत मिश्रा के अलावा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सोमेन मित्रा, राज्यसभा सांसद प्रदीप भट्टाचार्य, पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के बेटे अभिजीत मुखर्जी समेत पार्टी के अन्य दिग्गज शामिल होंगे।

दोनों दलों का कहना है कि वह पूरे राज्य में भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ साझा लड़ाई छेड़ेंगे। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सोमेन मित्रा ने बताया कि अभी हम न्यूनतम साझा कार्यक्रम तैयार करने की प्रक्रिया में हैं, जिसके आधार पर संयुक्त आंदोलन या राजनीतिक कार्यक्रम किए जाएंगे। यह एकतरफा मामला नहीं होगा। यह दोतरफा बात होगी। दिवाली के तुरंत बाद हम राज्यभर में अपना पहला संयुक्त आंदोलन शुरू करेंगे। उन्होंने कहा कि जिस तरह से भाजपा राज्य में जमीन तैयार कर रही है, यह जरूरी है कि माकपा और कांग्रेस सांप्रदायिक ताकतों को रोकने के लिए एक साथ आएं। उन्होंने ममता बनर्जी पर राज्य के हालात बिगाड़ने का आरोप लगते हुए कहा कि केवल माकपा और कांग्रेस मिलकर इस सांप्रदायिक उन्माद को रोक सकते हैं और राज्य के लोगों के हित में हम ऐसा जरूर करेंगे।

माकपा के वरिष्ठ नेता सुजन चक्रवर्ती ने राज्य में भाजपा की मजबूती के लिए तृणमूल कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि यह तृणमूल कांग्रेस है जिसने बंगाल में भाजपा को बढ़ने में मदद की। तृणमूल और भाजपा के बीच लड़ाई नकली है, जिसका उद्देश्य लोगों को मूर्ख बनाना है। यह ऐसा समय है कि जब धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक ताकतों को एक साथ आना चाहिये। माकपा के एक अन्य नेता ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया कि कांग्रेस और वामपंथी पार्टियों के शीर्ष नेताओं के बीच लगातार बैठकें हो रही हैं। कई तरह की योजनाएं बनाई जा रही हैं। उसका जल्द ही क्रियान्वयन पूरे राज्य में किया जाएगा। यह राज्य के लोगों के हित में है। उन्होंने दावा किया कि पश्चिम बंगाल में बड़ी आबादी ऐसी है जो ना तो तृणमूल कांग्रेस और ना ही भाजपा को राज्य की सत्ता पर देखना चाहती है। उन लोगों के लिए माकपा और कांग्रेस का संयुक्त गठबंधन एक विकल्प होगा।

उल्लेखनीय है कि साल 2019 में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में वामपंथी पार्टियों ने राज्य की 42 में से 40 सीटों पर उम्मीदवार उतारा था और 39 सीटों पर जमानत जब्त हो गई थी। इसी तरह से कांग्रेस राज्य में महज 2 सीटों पर जीत दर्ज कर सकी थी। एजेंसी हिस

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