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हरियाणा विस चुनाव : बागी बिगाड़ रहे चुनावी रथ की चाल

👤 Veer Arjun | Updated on:19 Oct 2019 10:33 AM GMT

हरियाणा विस चुनाव : बागी बिगाड़ रहे चुनावी रथ की चाल

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चंडीगढ़ । चुनावी दंगल में बागी महारथियों को पटखनी देने की तैयारी कर रहे हैं। भाजपा और कांग्रेस के चुनावी रथ की चाल को बागियों ने बिगाड़ दिया है। लिहाजा दर्जनभर से ज्यादा सीटों पर बागियों का दबदबा बना हुआ है, जिससे समीकरण बिगड़ रहे हैं इनमें भाजपा और कांग्रेस के विधायकों से लेकर कद्दावर नेता बागियों की राह पर हैं।

चुनावी मैदान में न उतारने से खफा कांग्रेस और भाजपा के कद्दावर नेताओं ने विरोध का बिगुल बजा दिया। दोनों दलों ने इन नेताओं काे मनाने की कड़ी मशक्कत की, लेकिन बात सिरे नहीं चढ़ी। अलबत्ता बागियों ने अपनों के खिलाफ ही ताल ठोकते हुए चुनावी रण में कूदने में देरी नहीं लगाई। उत्तरी हरियाणा से लेकर दक्षिणी और पश्चिमी हरियाणा में कांग्रेस और भाजपा को बागवत झेलनी पड़ी। मसलन, बागियों के चुनावी रण में कूदने से न केवल समीकरण बिगड़े बल्कि कई बागी जीत की दहलीज पर भी खड़े हैं।

अंबाला कैंट और अंबाला शहर में कांग्रेस से टिकट न मिलने के विरोध में बाप-बेटी ने निर्दलीय के तौर पर चुनावी ताल ठोकी। पूर्व मंत्री निर्मल सिंह अंबाला शहर और उनकी बेटी चित्रा सरवारा अंबाला कैंट से निर्दलीय के तौर पर चुनाव लड़े रहे हैं। अहम पहलू यह भी है कि दोनों ही जगह इनेलो ने अपना समर्थन देते हुए इन्हें मजबूती देने का काम किया है।

पूंडरी विधानसभा से निर्दलीय विधायक दिनेश कौशिक ने अभी हाल ही में कमल थामा था, लेकिन उसे रास नहीं आया। भाजपा ने यहां से दिनेश कौशिक को दरकिनार करते हुए प्रदेश महामंत्री एडवोकेट वेदपाल पर दांव खेला। इसे नाराज होकर निर्दलीय विधायक दिनेश कौशिक एवं भाजपा नेता रणधीर गोलन ने आजाद उम्मीदवार के तौर पर पर्चा भरा। इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला है। भाजपा के लिए यहां से जीत चुनौती बनी हुई है।

कैथल जिले की गुहला-चीका सीट पर भी निर्दलीय उम्मीदवार देवेंद्र हंस भाजपा के लिए चुनौती साबित हो रहे हैं। यहां से भाजपा ने मौजूदा विधायक कुलंवत बाजीगर का टिकट काटकर भाजपा नेता रवि तारांवली को चुनाव मैदान में उतारा है।

सीएम सिटी करनाल की असंध व नीलोखेड़ी सीट पर भी भाजपा को बगावत झेलनी पड़ी। असंध से मौजूदा विधायक बख्शीश सिंह विर्क पर भाजपा ने दोबारा भरोसा जताया, लेकिन यहां भाजपा नेता संजय मैहला ने टिकट न मिलने पर आजाद के तौर पर दावेदारी ठोकी। यही नहीं यहां से कांग्रेस ने शमशेर सिंह गोगी को अपना उम्मीदवार बनाया तो पूर्व विधायक जिलेराम शर्मा ने निर्दलीय के तौर पर अपना पर्चा भरकर समीकरणों को बिगाड़ दिया।

नीलोखेड़ी से भी मौजूदा विधायक भगवान दास कबीरपंथी को भाजपा ने दोबारा उम्मीदवार बनाया। यहां पर भाजपा नेता धर्मपाल गोंदर आजाद उम्मीदवार के तौर पर समीकरण बिगाड़ने का काम कर रहे हैं। चरखी-दादरी में भाजपा ने पहलवान बबीता फौगाट पर दांव खेला, जिससे नाराज होकर भाजपा नेता सोमवीर सांगवान आजाद के तौर पर मैदान में उतरे। इस सीट पर जजपा ने पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान और कांग्रेस ने मेजर नृपेंद्र सिंह सांगवान को मैदान में उतारा है, यहां भी चुनावी समीकरण उलटने की उम्मीद जताई जा रही है।

महम सीट पर भाजपा के लिए सबसे ज्यादा मुसीबत बनी हुई है। यहां से भाजपा ने शमशेर सिंह खरकड़ा को उम्मीदवार बनाया है तो जिला परिषद चेयरमैन के पद को त्यागकर बलराज कुंडू चुनावी मैदान में अपनी किस्मत अजमा रहे हैं। यहां पर भी चुनावी समीकरण पूरी तरह उलझे हुए हैं। रेवाड़ी सीट को जीतना भी भाजपा के लिए चुनौती से कम नहीं है। यहां से भाजपा ने मौजूदा विधायक रणधीर कापड़ीवास का टिकट काटते हुए सुनील मूसेपुर पर दांव खेला, इससे नाराज होकर कापड़ीवास ने निर्दलीय के तौर पर ताल ठोकी, जिससे समीकरण खासे उलझे हुए हैं।

जीटी रोड बेल्ट पर समालखा से आजाद विधायक रवींद्र मछरौली ने भाजपा का कमल थामा तो भाजपा ने उन्हें उम्मीदवार बनाने की बजाय शशिकांत कौशिक पर भरोसा जताया। इससे नाराज होकर रवींद्र ने बागवत का सुर अपनाते हुए पर्चा भरने में देर नहीं लगाई। यहां पर मुकाबला त्रिकोणीय बना हुआ है।

पुन्हाना सीट पर भी भाजपा को बगावत के सुर झेलना पड़ रहा है। भाजपा ने रहीश की जगह नौक्षम चौधरी को चुनावी रण में उतरा है तो उन्हें कड़ी टक्कर देने के लिए रहीश खान आजाद उम्मीदवार के तौर मैदान में उतरे। कांग्रेस के मोहम्मद इलियास से यहां पर चुनावी मुकाबला त्रिकोणीय बना हुआ है। पृथला में भी भाजपा को बागी का सामना करना पड़ रहा है। यहां से भाजपा ने सोहनपाल छौक्कर को चुनावी मैदान में उतारा है तो इससे नाराज पूर्व प्रत्याशी नैनपाल रावत आजाद के तौर मैदान में उतरे।

यहां भी बिगड़े समीकरण

अटेली सीट से कांग्रेस ने राव अर्जुन सिंह को मैदान में उतारा हुआ है, लेकिन नाराज पूर्व मुख्य संसदीय सचिव नरेश यादव आजाद मैदान में उतरकर समीकरण बिगाड़ रहे हैं। उकलाना सीट से कांग्रेस के पूर्व विधायक नरेल सेलवाल को टिकट न मिलने से आजाद के तौर पर दावेदारी पेश की। यहां से कांग्रेस की बाला देवी मैदान में हैं। इससे मुकाबला रोचक बना हुआ है।

बरवाला सीट से रामनिवासी घोड़ेला ने कांग्रेस उम्मीदवार भूपेंद्र गंगौर के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए मैदान में ताल ठोक रखी है। जिससे कांग्रेस उम्मीदवार के लिए समीकरण भी उलझे हुए है।

इसी तरह इंद्री सीट से कांग्रेस उम्मीदवार नवजोत कश्यप पंवार के खिलाफ दावेदार राकेश कंबोज, गुरुग्राम उम्मीदवार सुखबीर कटारिया के खिलाफ गजे सिंह कबलाना, हांसी से उम्मीदवार ओम प्रकाश पंघाल के खिलाफ दावेदार प्रेम मलिक, नरवाना से उम्मीदवार विद्या रानी के खिलाफ अंजना वाल्मीकि, बेरी से उम्मीदवार रघुबीर सिंह कादियान के खिलाफ अजय अहलावत, रोहतक में मोहित बागियों के तौर पर कड़ी टक्कर दे रहे हैं। एजेंसी हिस

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