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महिलाओं ने अपने कंधों पर पहुंचाया मृतका को मुक्तिधाम

👤 manish kumar | Updated on:20 Oct 2019 12:09 PM GMT

महिलाओं ने अपने कंधों पर पहुंचाया मृतका को मुक्तिधाम

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जगदलपुर । कांकेर जिले के नक्सल प्रभावित आमाबेड़ा थानाक्षेत्र के तुमसनार गांव से हैरान करने वाली एक तस्वीर सामने आई है। दकियानूसी रीति-रिवाजों के खिलाफ महिलाओं ने ऐतिहासिक कदम उठाते हुए गांव की एक गर्भवती महिला का शव अपने कंधों पर लेकर श्मशान तक पहुंचाया और दाह संस्कार किया।

आमाबेड़ा थाना क्षेत्र के ग्राम तुमुसनार में बीते 15 अक्टूबर को एक प्रसूता सुकमोतीन की मृत्यु प्रसव के दौरान हो गई। रात करीब 2.30 बजे उसने बच्चे को जन्म दिया। शिशु की आधे घंटे बाद ही मौत हो गई। सुकमोतीन को जब अपने बच्चे की मौत होने की सूचना मिली तो सदमे से उसने भी दम तोड़ दिया। फिर उसका शव 16 अक्टूबर को गांव पहुंचा। इसके बाद पुरुषों ने उसके शव को कंधा देने से इनकार कर दिया।

इसके पीछे यह मान्यता है कि मृत्यु के दौरान प्रसूता के अछूत होने का हवाला दिया गया। पुरुषों ने कहा कि पुरानी परंपरा है कि ऐसी स्थिति में मृत्यु के बाद पुरुष शव को कंधा नहीं देते हैं। इसके बाद गांव की ही महिलाएं आगे आईं और अंतिम संस्कार की प्रक्रिया की। महिलाओं ने सालों पुरानी गांव की परम्परा को तोड़ते हुए यह दर्शा दिया अब नारी अबला नहीं सबला बन गयी है और हर क्षेत्र में वह पुरूषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने को तैयार है। हिस

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