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राजस्थान में बसपा पदाधिकारियों का मुंह काला कर गधे पर घुमाया

👤 manish kumar | Updated on:22 Oct 2019 12:20 PM GMT

राजस्थान में बसपा पदाधिकारियों का मुंह काला कर गधे पर घुमाया

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जयपुर। राजस्थान की सियासत में अपनी राजनीतिक जड़े जमाने में नाकाम हो चुकी बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के खाते में मंगलवार को एक और काला अध्याय जुड़ गया। राजस्थान में बहुजन समाज पार्टी के कार्यकर्ताओं की पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व से नाराजगी मंगलवार को राजधानी जयपुर में मुखर हो गई। बसपा कार्यकर्ताओं ने मंगलवार सुबह पार्टी के नेशनल को-ऑर्डिनेटर और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रामजी गौतम एवं प्रदेश प्रभारी सीताराम मेघवाल का मुंह काला कर उन्हें गधों पर बिठा दिया। दोनों नेता गधे पर बैठने को तैयार नहीं हुए तो कार्यकर्ताओं ने उनके मुंह पर कालिख पोतकर उन्हें जबरन गोद में उठाकर गधे पर बिठा दिया। दोनों नेताओं को कुछ दूरी तक गधों पर बिठा घुमाने के बाद कार्यकर्ताओं ने जूते-चप्पलों की माला भी पहनाई। यह नजारा बसपा प्रदेश कार्यालय के बाहर मौजूद भीड़ ने अपने मोबाइल कैमरों में कैद किया। इस घटनाक्रम के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती राज्य में सत्तासीन कांग्रेस सरकार पर भडक़ गईं।

मायावती ने ट्वीट कर कहा कि कांग्रेस ने पहले राजस्थान में बसपा विधायकों को तोड़ा और अब अंबेडकरवादी मूवमेंट को आघात पहुंचाने के लिए वरिष्ठ लोगों पर हमले करा रही है। मायावती ने पार्टी के नेशनल कोऑर्डिनेटर रामजी गौतम का मुंह काला कर गधे पर बिठाकर घुमाने के मामले को अति निंदनीय और शर्मनाक बताते हुए कहा कि कांग्रेस अंबेडकरवादी मूवमेंट के खिलाफ गलत परंपरा डाल रही है, जिसका जैसे को तैसा जवाब लोग दे सकते हैं।

संगठन की बैठक के लिए आए थे पदाधिकारी

बसपा के नेशनल को-ऑर्डिनेटर और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रामजी गौतम सोमवार शाम लखनऊ से जयपुर आए थे। उन्हें प्रदेश प्रभारी सीताराम मेघवाल के साथ पार्टी पदाधिकारियों एवं जिला अध्यक्षों की बैठक लेनी थी। इस बैठक में संगठन की मजबूती एवं आगामी स्थानीय निकाय चुनाव को लेकर चर्चा होनी थी। बैठक शुरू होने से पहले ही मंगलवार सुबह पार्टी के कुछ कार्यकर्ता हाथों में ग्रीस और दो गधे लेकर बनीपार्क स्थित पार्टी कार्यालय पर पहुंच गए। कार्यकर्ता गौतम और मेघवाल को जबरन पकडक़र सड़क पर ले आए। कार्यकर्ताओं ने पहले तो दोनों के मुंह काले किए और फिर उन्हें जूते-चप्पलों की माला पहना दी। दोनों को जबरन दो अलग-अलग गधों पर बिठा दिया। दोनों नेता जब गधे से उतरे तो कार्यकर्ताओं ने उन्हें गोद में उठाकर जबरन दोबारा गधे पर बिठा दिया। इस दौरान रामजी गौतम एक बार तो सडक़ पर गिर भी गए। कार्यकर्ताओं के साथ रामजी गौतम और सीताराम मेघवाल की धक्का-मुक्की भी हुई। इस दौरान पार्टी कार्यालय के अंदर से कुछ लोग दोनों नेताओं को बचाने बाहर आए, लेकिन आक्रोशित कार्यकर्ताओं ने उन्हें भी खदेड़ दिया। सडक़ पर हंगामें की सूचना मिलने पर सिंधी कैंप थाने से पुलिसकर्मी बसपा कार्यालय तक पहुंचे। तब तक आक्रोशित कार्यकर्ता अपना विरोध प्रदर्शन कर वहां से जा चुके थे।

कांग्रेस में विलीनीकरण के बाद बढ़ा विरोध

पिछले माह बसपा के छह विधायक राजेंद्र गुढ़ा, जोगेंद्र सिंह अवाना, वाजिब अली, संदीप यादव, दीपचंद खेरिया और लाखन सिंह कांग्रेस में शामिल हो गए थे। उन्होंने बसपा विधायक दल का कांग्रेस में विलय कर लिया था। विधानसभा अध्यक्ष ने इसे मंजूरी भी दे दी थी।

कांग्रेस का जवाब-हमारा कोई लेना-देना नहीं

हंगामा कर रहे कार्यकर्ताओं का आरोप था कि बहुजन समाज पार्टी चुनावों में टिकट बेचकर पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ धोखाधड़ी कर रही है। कार्यकर्ताओं ने इस घटनाक्रम के दौरान नेशनल को-ऑर्डिनेटर के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। पार्टी को कमजोर करने और चुनाव में टिकट बेचने के गंभीर आरोप भी लगाए।

गौरतलब है कि कांग्रेस में शामिल विधायक और पूर्व बीएसपी नेता राजेंद्र गुढ़ा कुछ समय पहले पार्टी प्रमुख मायावती पर पार्टी में ज्यादा पैसे देने वालों को टिकट मिलने का सनसनीखेज आरोप लगा चुके हैं। इस हंगामे के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने गहलोत सरकार पर राजस्थान में बसपा विधायकों को तोडऩे और अंबेडकरवादी मूवमेंट को आघात पहुंचाने के लिए वरिष्ठ लोगों पर हमले कराने का आरोप लगाया।

इधर मायावती द्वारा कांग्रेस पर लगाए गए आरोप का कांग्रेस की प्रवक्ता अर्चना शर्मा ने खंडन करते हुए कहा कि इस पूरे हंगामें से कांग्रेस का कोई लेना-देना नहीं है। उनकी पार्टी के भीतर की अंदरूनी कलह बाहर आई है। बसपा सुप्रीमो इसके लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहरा रही है, जो उचित नहीं है। अगर इस मामले की शिकायत आईं तो राज्य सरकार कानून-व्यवस्था बनाए रखने के मद्देनजर उस पर उचित कार्रवाई करेगी। हिस

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