'पंजाब सरकार की पाकिस्तान के साथ शांति और दोस्ती की वकालत'
चंडीगढ़/बर्मिंघम । पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने दोनों पड़ोसी देशों भारत और पाकिस्तान की ख़ुशहाली और विकास के लिए पाकिस्तान के साथ शांति और दोस्ती की ज़ोरदार वकालत की। साथ ही यह स्पष्ट किया कि भारत आईएसआई से समर्थन हासिल सिख्स फॉर जस्टिस (एसएफजे) को देश की अखंडता और स्थिरता को भंग करने की आज्ञा नहीं देगा। मुख्यमंत्री बर्मिंघम में श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व के मौके पर रखे गए विशेष समागम के दौरान प्रवासी भारतीयों को संबोधन कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने प्रवासियों से सांसारिक समस्याओं के सामूहिक हल के लिए श्री गुरु नानक देव जी के फलसफे के अनुसार शांति के प्रसार के लिए पड़ोसी मुल्कों के साथ दोस्ताना सम्बन्ध बनाने की मांग की। उन्होंने ज़ोर देते हुए यह बात कही कि भारत और पाकिस्तान दोनों ने कई चुनौतियों का सामना किया था और अब समय आ गया है कि वह बीते समय को भूल कर दोस्ती की भावना के साथ आगे बढ़ते हुए अपनी तरक्की को यकीनी बनाएं। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार महान गुरु के संदेश को फैलाने के लिए 550वें प्रकाश पर्व समागमों को एक और साल जारी रखेगी जिनमें 'पवन गुरु, पानी पिता, माता धरत' की विचारधारा के द्वारा प्रकृति की रक्षा की महत्ता का संदेश दिया।
मीडिया कर्मियों के साथ अनौपचारिक बातचीत में कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि एसएफजे एक कट्टर आतंकवादी ग्रुप था, जिसकी मुहिम का कोई वैचारिक आधार नहीं था। इसके साथ इसी तरह पेश आना चाहिए था। एसएफजे के तथाकथित कानूनी सलाहकार गुरपतवंत सिंह पन्नू जोकि पाकिस्तान के आईएसआई के दिशा-निर्देशों के अधीन काम कर रहा है, को धोखेबाज़ बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पन्नू का एकमात्र मकसद आईएसआई के एजेंडे को आगे बढ़ाना और सिखों और भारत को बांटना है।
पिछले कुछ सालों के दौरान बड़े स्तर पर गिरफ़्तारियां और हथियार ज़ब्त करने के साथ-साथ पंजाब में नाकाम किये गए आतंकवादी ग्रुपों का जि़क्र करते हुए उन्होंने कहा कि इससे एसएफजे के मंसूबे जग ज़ाहिर हुए हैं। पंजाब सरकार और भारत सरकार दोनों इसके साथ सख्ती से निपट रही हैं। हिस