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NRC के खिलाफ तेवर तल्ख रखेगी तृणमूल कांग्रेस

👤 mukesh | Updated on:2 Dec 2019 5:47 AM GMT

NRC के खिलाफ तेवर तल्ख रखेगी तृणमूल कांग्रेस

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कोलकाता. पश्चिम बंगाल में रहने वाले अवैध घुसपैठियों को खदेड़ने के लिए राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) लागू करने की भाजपा की योजना के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस अपना तेवर तल्ख रखेगी. यहां हाल ही में हुए विधानसभा की 3 सीटों पर उपचुनाव में भाजपा की हार के बाद तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी ने पार्टी नेताओं को निर्देश दिया है.

पार्टी सूत्रों ने सोमवार को बताया कि लोकसभा चुनाव के पहले से ही भारतीय जनता पार्टी पश्चिम बंगाल में एनआरसी लागू करने की दहशत फैलाती रही है. इसकी वजह से अल्पसंख्यक समुदाय के बीच ध्रुवीकरण तेजी से हुआ है और लोग ममता बनर्जी की विकास नीतियों पर भरोसा कर रहे हैं. इसलिए 2021 के विधानसभा चुनाव से पहले तक तल्खी से तृणमूल कांग्रेस एनआरसी का विरोध करती रहेगी. इसके अलावा ममता बनर्जी की सरकार द्वारा किए गए विकास कार्यों को भी लोगों के बीच प्रमुखता से रखा जाएगा.

खास बात यह है कि लोकसभा चुनाव में भाजपा के 18 सीटें जीतने के बाद से राजनीतिक रणनीतिकार के तौर पर नियुक्त किए गए प्रशांत किशोर ने एनआरसी के खिलाफ प्रचार करने की रणनीति बनाई थी. अब खबर है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सभी पार्टी नेताओं को निर्देश दिया है कि वे 2020 में होने वाले नगर पालिका चुनाव और उसके बाद विधानसभा चुनाव में लोगों के बीच इसी मुद्दे को लेकर जाएं. उसमें एनआरसी के साथ साथ पिछले 8 सालों में राज्य सरकार द्वारा किए गए कार्यों का बखान भी करने को कहा गया है.

इसे विशेष तौर पर उत्तर बंगाल में लागू करने को कहा गया है क्योंकि यहां लोकसभा चुनाव में सभी सीटों पर तृणमूल का सूपड़ा साफ हो गया था. विशेषकर जलपाईगुड़ी क्षेत्रों में बड़ी संख्या में आदिवासी, गेरया और अन्य ऐसे समुदाय के लोग रहते हैं जिनकी जाति के लोगों का नाम असम में एनआरसी की सूची से बाहर किया गया है. तृणमूल कांग्रेस उन समुदायों के बीच एनआरसी के खिलाफ अपनी बातों को प्रमुखता से रखने वाली है. इधर भाजपा सूत्रों के हवाले से बताया है कि एनआरसी के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस के प्रचार का काट निकालने के लिए रणनीति बनाई जा रही है. (एजेंसी हिस.)

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