महिला डॉक्टर की रेप के बाद हत्या के मामले में प्रदर्शनों का सिलसिला जारी
हैदराबाद/नई दिल्ली। तेलंगाना में महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या की घटना को लेकर आन्ध्र प्रदेश सहित देश के विभिन्न इलाकों में विरोध प्रदर्शन, धरना और कैंडल मार्च का सिलसिला मंगलवार को भी जारी रहा।
दुष्कर्म की इस घटना ने जनमानस को उतना ही उद्वेलित किया जितना सात वर्ष पूर्व राजधानी दिल्ली में हुए निर्भया कांड के समय किया था। निर्भया कांड के बाद बने सख्त कानूनों के बावजूद तेलंगाना में ऐसी ही घटना की पुनरावृत्ति कानून निर्माताओं, पुलिस प्रशासन और नागरिक समाज को फिर से सोचने पर मजबूर कर दिया है। विभिन्न पक्षों की ओर से इस जघन्य अपराध में लिप्त बलात्कारियों को सार्वजनिक रूप से मौके पर ही सजा दिए जाने की पुरजोर मांग उठ रही है।
संसद के दोनों सदनों में सोमवार को सदस्यों ने एकमत से इस विभत्सय घटना की निंदा की तथा सरकार से अधिक सख्त कानून बनाने के लिए कदम उठाने का आग्रह किया। सरकार की ओर से रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सदस्य जैसा तय करेंगे, सरकार उस तरह का कानून बनाने के लिए तैयार है।
तेलंगाना के विभिन्न इलाकों के साथ ही जनविरोध मंगलवार को राजधानी के जंतर-मंतर पर केन्द्रीत रहा, जहां दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालिवाल धरने और आमरण अनशन पर बैठीं। दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष स्वाति मालिवाल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर देशभर में बच्चियों के साथ होने वाले दुष्कर्म के खिलाफ सख्त कानून बनाने व इनसे जुड़े मामलों की जल्द सुनवाई पूरी कराने की दोबारा मांग की। अपनी मांगों को पूरा करवाने के लिए वह आज से जंतर-मंतर पर आमरण अनशन पर बैठी हैं।
अपने पत्र में स्वाति ने हैदराबाद की डॉक्टर के साथ गैंगरेप और छह साल की मासूम छात्रा के साथ राजस्थान में बर्बरता और रेप की घटना का जिक्र करते हुए पिछली बार दिए अश्वासन की तरफ प्रधानमंत्री का ध्यान आकृष्ट कराया। साथ ही स्वाती ने कहा, "सिर्फ कानून बना देना ही काफी नहीं है, उसको लागू भी करना पड़ेगा। आपसे गुजारिश है कि तत्काल सभी रेपिस्टों के खिलाफ छह महीने में फांसी की सजा का कानून लागू हो और इसके लिए जरूरी सभी तंत्र सक्रिय किए जाएं।"
वहीं दिल्ली, कोलकत्ता, तेलंगाना और आन्ध्र प्रदेश में डॉक्टरों ने मार्च निकालकर अपराधियों को दंडित करने और सख्त कानून बनाने की मांग की। हिस