उन्नाव रेपकेस में खुलासा, फर्जी वैवाहिक अनुबंध पत्र से युवती को बरगलाने की हुई थी कोशिश
रायबरेली । उन्नाव रेपकेस में चौंकाने वाला एक नया खुलासा हुआ है। मामले को दबाने के लिए आरोपितों की ओर से लगातार प्रयास किया गया। मामले को रफा-दफा करने के लिए कभी युवती को बहलाया-फुसलाया गया तो कभी दबाव बनाया गया। रायबरेली कोर्ट में बनवाया गया फर्जी वैवाहिक अनुबंध पत्र भी इसी का नतीजा था।
रेप पीड़ित के मामले को देख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता महेश सिंह राठौर ने बताया है कि कोर्ट ने 10 जनवरी को मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया था। इसी को ध्यान में रखते हुए आरोपित ने मामले में सुलह करने की कोशिश की और यह अनुबंध पत्र बनवाया।
उन्होंने बताया कि इसमें आरोपी शिवम व पीड़ित दोनों के फोटो व हस्ताक्षर तो थे, लेकिन गवाहों के नाम और हस्ताक्षर नहीं थे, जिससे इसका कोई वैधानिक महत्व नहीं रह जाता है। जब पीड़ित युवती को इस बात का एहसास हुआ तो वह आरोपित पर बहुत नाराज हुई और उसने अपने केस पर ध्यान देना शुरू किया। लालगंज पुलिस द्वारा लापरवाही बरतने पर युवती दोबारा कोर्ट पहुंची। 26 फरवरी को कोर्ट की नोटिस के बाद पुलिस सक्रिय हुई और पांच मार्च को आरोपित के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ।
अधिवक्ता का आरोप है कि अगर पुलिस पहले से सचेत होती तो आरोपित दबाब में आते लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पीड़ित अकेले ही न्याय पाने के लिए पुलिस और कोर्ट के चक्कर लगाती रही।