Home » देश » सीएए लागू करने को शरणार्थियों की सूची बनाने में जुटी योगी सरकार

सीएए लागू करने को शरणार्थियों की सूची बनाने में जुटी योगी सरकार

👤 Veer Arjun | Updated on:6 Jan 2020 9:42 AM GMT

सीएए लागू करने को शरणार्थियों की सूची बनाने में जुटी योगी सरकार

Share Post

लखनऊ । नागरिकता संशोधन एक्ट (सीएए) को लेकर एक तरफ विपक्ष की सियासत जहां जारी है और वह सरकार को इस मुद्दे पर घेरने में जुटा है। योगी आदित्यनाथ सरकार इस मामले में अब आगे की प्रक्रिया में जुट गई है। इसके लिए सीएए के तहत आने वाले शरणार्थियों की पहचान कर उन्हें सूचीबद्ध करने की तैयारी है। इस बारे में शासन स्तर पर अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है। उत्तर प्रदेश पहला राज्य है जिसने प्रवासियों को नागरिकता देने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ाते हुए इस तरह की कार्रवाई शुरू की है।

प्रदेश सरकार के मुताबिक अभी तक की जानकारी में सामने आया है कि राजधानी लखनऊ सहित बरेली, रामपुर, सहारनपुर, शाहजहांपुर, हापुड़, गाजियाबाद और गौतमबुद्धनगर में पड़ोसी मुल्कों से आये प्रवासियों की तादाद अन्य जनपदों से ज्यादा है और फिलहाल ये लोग बिना नागरिकता के निवास कर रहे हैं। नागरिकता संशोधन एक्ट को धरातल पर अमलीजामा पहनाने के उद्देश्य से अब राज्य के गृह विभाग ने पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आकर लम्बे समय से रहने वाले शरणार्थियों को चिह्नित करने के लिए सभी जनपदों के जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं।

दरअसल सीएए में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए अल्पसंख्यक शरणार्थियों को नागरिकता देने का प्रावधान है। इसमें इन देशों में धार्मिक कारणों से प्रताड़ित एवं उत्पीड़ित वहां के अल्पसंख्यक समाज ईसाई, पारसी, जैन, बौद्ध, सिक्ख एवं हिन्दू शरणार्थी, जो भारत में 2015 के पहले निवास कर रहे हैं, भारतीय नागरिकता प्राप्त करने के लिए आवेदन कर सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक शरणार्थियों की सूची इसलिए बनाई जा रही है, जिससे इसे केंद्रीय गृह विभाग को भेजा जा सके और सीएए के दायरे में आने वाले शरणार्थियों को भारत की नागरिकता का रास्ता खुल सके। हालांकि सरकार की ओर से इस सम्बन्ध में लिखित आदेश जारी नहीं हुआ है, लेकिन गृह विभाग के निर्देश पर सभी जिलाधिकारी इस कवायद में जुट गए हैं।

अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी के मुताबिक इस सूची के जरिए राज्य सरकार की मदद से वास्तविक प्रवासियों की संख्या सामने आ सकेगी, जिससे उन्हें भारत की नागरिकता मिलने का रास्ता साफ हो सकेगा। सरकार राज्य में अवैध मुस्लिम प्रवासियों पर भी केंद्रीय गृह मंत्रालय को जानकारी देगी। पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए मुस्लिम समुदाय के लोगों को नागरिकता देने का प्रावधान नहीं है। ऐसे में उन्हें भी चिन्हित कर सूचीबद्ध किया जाएगा और इसका ब्यौरा भी केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजा जाएगा। केन्द्र सरकार इस सम्बन्ध में नियमानुसार उचित कार्रवाई करेगी।

बसपा प्रतिनिधिमंडल ने की राज्यपाल से मुलाकात, न्यायिक जांच की मांग

उधर बहुजन समाज पार्टी के प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल सीएए के मुद्दे पर मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल ने सीएए के खिलाफ प्रदर्शन को लेकर हो रही कार्रवाई पर राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा और मामले की न्यायिक जांच की मांग की। राज्यपाल से मुलाकात के बाद बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि सीएए के नाम पर निर्दोष लोगों को परेशान किया जा रहा है।

मृतकों के परिजनों को 25 से 50 लाख मुआवजा देने की मांग

उन्होंने कहा कि निर्दोष लोगों की रिहाई को लेकर राज्यपाल से मुलाकात हुई है। जिन लोगों ने हिंसा की है, उन्हें सजा जरूर मिले लेकिन कोई भी निर्दोष परेशान न हो। एससी मिश्रा ने कहा कि राज्यपाल ने ज्ञापन लेने के साथ ही आश्वासन भी दिया है कि प्रदर्शन के दौरान मारे गए लोगों को 25 से 50 लाख मुआवजा दिया जाए।समाजवादी पार्टी द्वारा मारे गए लोगों के परिजनों को पांच लाख का मुआवजा दिए जाने पर बसपा महासचिव ने कहा कि पांच लाख से कुछ नहीं होने वाला। इसलिए सरकार को पच्चीस से पचास लाख तक का मुआवजा दिया जाना चाहिए।

निर्दोषों को जेल भेजना निन्दनीय: मायावती

बसपा मुखिया मायावती के मुताबिक प्रदेश में सीएए-एनआरसी के विरोध में किये गये प्रदर्शनों में बिना जांच-पड़ताल के ही विशेषकर बिजनौर, सम्भल, मुजफ्फरनगर, मेरठ, फिरोज़ाबाद व अन्य और ज़िलों में भी जिन निर्दोषों को जेल भेज दिया है, जिसे मीडिया ने भी उजागर किया है, यह अति-शर्मनाक व निन्दनीय है। उन्होंने मांग की है कि प्रदेश सरकार इनको तुरन्त छोड़े व इसके लिए सरकार को अपनी गलती की माफी भी मांगनी चाहिये। साथ ही, इसमें जिन निर्दोषों की मृत्यु हो गई है, राज्य सरकार को उन परिवारों की न्यायोचित आर्थिक मदद भी जरूर करनी चाहिये।

अराजकता फैलाने का काम कर रहे हैं विपक्ष के नेता: श्रीकांत शर्मा

प्रदेश सरकार के प्रवक्ता एवं ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा कि सरकार ने ऐसे लोगों को चिह्नित किया है, जिन्होंने हिंसा फैलाई। सपा-बसपा और कांग्रेस ने हिंसा को अपना मूक समर्थन दिया। हिंसा में शामिल उपद्रवियों के खिलाफ कार्रवाई भी की जा रही है, लेकिन विपक्ष के लोग दंगाइयों का महिमामंडन कर रहे हैं। उनके नेता दंगाइयों के घर जा रहे हैं और शांति की राह पर आगे बढ़ चले प्रदेश में फिर से अराजकता फैलाने का काम कर रहे हैं। यह स्थिति बहुत शर्मनाक है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव ने लोगों को किया जागरूक

इस बीच भाजपा संगठन के स्तर पर प्रदेश भर में सीएए के मुद्दे पर लोगों से जनसम्पर्क करने में जुटी है। पार्टी के वरिष्ठ नेता स्वयं इसके लिए घर-घर जा रहे हैं, जिससे कार्यकर्ता उत्साहित होकर इस मुहिम को धरातल पर सफल बनाएं। भाजपा प्रदेश अध्‍यक्ष स्वतंत्र देव ने स्वयं बरेली जिले के फतेहगंज पश्चिमी में जनसंपर्क कर लोगों को सीएए के बारे में सही जानकारी दी। उन्होंने नागरिकता (संशोधन) अधिनियम-2019 एक परिचय पर पुस्तिका एवं पत्रक नागरिकता संशोधन-2019 महत्तवपूर्ण बिन्दु लोगों को भेंट किया

भाजपा का जन जागरण अभियान 25 जनवरी तक

प्रदेश प्रवक्ता मनीष शुक्ला के मुताबिक पार्टी सीएए पर विपक्ष का फैलाया भ्रम दूर करके लोगों को जागरूक कर रही है, जिससे विपक्ष की साजिश सफल न हो। कांग्रेस व सपा सहित विपक्ष द्वारा सीएए को लेकर फैलाए गए भ्रम के साथ हिंसा व पत्थरबाजी के पक्ष में विपक्ष को जवाब देने के लिए भाजपा ने राष्ट्रव्यापी महासंपर्क अभियान प्रारम्भ किया है और जिला स्तर पर हम जन-जन के बीच पहुंच रहे हैं। पूरे प्रदेश में 25 जनवरी 2020 तक जन-जागरण अभियान जारी रहेगा। संपर्क अभियान के तहत पार्टी ने पूरे प्रदेश में लगभग एक लाख गांवों तक पहुंचने के संकल्प के साथ ही 50 लाख से अधिक परिवारों में संपर्क करने का फैसला किया है।

Share it
Top