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सपा की साइकिल पर सवार हुए योगी आदित्यनाथ के करीबी रहे सुनील सिंह

👤 Veer Arjun | Updated on:18 Jan 2020 9:54 AM GMT

सपा की साइकिल पर सवार हुए योगी आदित्यनाथ के करीबी रहे सुनील सिंह

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गोरखपुर । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के करीबियों में शुमार रहे और हिंदुत्व का परचम लहराने की कसम खाने वाले सुनील सिंह अब समाजवादी पार्टी (सपा) में शामिल हो गए। हिन्दू युवा वाहिनी (हियुवा) का दामन छोड़ने के बाद हिन्दू युवा वाहिनी (भारत) के अध्यक्ष रहे सुनील सिंह अब साइकिल की सवारी करेंगे। शनिवार को लखनऊ में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश सिंह यादव की मौजूदगी में उन्होंने सपा की हित में कार्य करने की कसमें खाईं।

लोकसभा टिकट बंटवारे को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और हियुवा पदाधिकारियों के बीच दूरियां बढ़ने लगी थीं। योगी आदित्यनाथ को आगे कर चुनावी दुंदुभी बजाने वाली भाजपा ने न सिर्फ योगी आदित्यनाथ के संगठन हियुवा में विद्रोह का बिगुल फूंक दिया बल्कि भाजपा को समेटकर राजनैतिक पारी खेलने की पूरी छूट दे दी। दोनों संगठनों के कार्यकर्ताओं में अपने किये कार्यों के बल पर टिकट मिलने का पूरा विश्वास हो चला था। इधर, इसमें सामंजस्य बैठा पाना शायद उतना ही कठिन था, जितना जिम्मेदारी मिलना आसान रहा। सुनील सिंह को भी टिकट का मजबूत दावेदार माना जा रहा था। ऐन वक्त पर उन्हें टिकट नहीं मिल सका। इसके बाद भाजपा के खिलाफ पूरी तरह बगावत पर उतरे सुनील ने लोकसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया था। यह बात अलग है कि उनका पर्चा खारिज हो गया और वे चुनाव नहीं लड़ सके थे। वर्ष 2017 विधानसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ आवाज बुलंद करने के कारण योगी आदित्यनाथ ने उन्हें किनारे कर दिया था।

सूत्रों का कहना है कि इस बीच भी सुनील सिंह योगी से मिलने की कोशिशें करते रहे लेकिन उन्हें इसमें सफलता नहीं मिली और वे थकहार कर सपा के साइकिल की सवारी करने को मजबूर हुए हैं। हालांकि, सुनील सिंह के विरोधी गुट का मानना है कि योगी की नाराजगी के बाद से सुनील सिंह लगातार उनका विरोध करते रहे और योगी से मिलकर अपनी बात कहने की बजाय दबाव की राजनीति पर अडिग थे।

उल्लेखनीय है कि योगी आदित्यनाथ ने वर्ष 2002 में हिंदू युवा वाहिनी (हियुवा) का गठन एक सांस्कृतिक संगठन के रूप में किया था। संगठन के मूल में हिंदुत्व को आधार बनाया गया और प्राचीन भारतीय संस्कृति की रक्षा का कार्य शुरू हुआ। संगठन की वजह से योगी आदित्यनाथ को एक हिन्दू मठाधीश की पहचान मिली। हिन्दू समाज में उन्हें अपनी अलग पैठ बनाने में कामयाबी मिली। तब इस संगठन के फायर ब्रांड रहे सुनील सिंह की भी खूब चर्चा होती रही थी।

सुनील पर हैं 70 से अधिक मुकदमे

हिंदू युवा वाहिनी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुनील सिंह पर 70 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं। पंचरूखिया कांड, मोहन मुंडेरा कांड, मऊ दंगा सहित कई घटनाओं के बाद संगठन के कद के साथ सुनील का कद भी बढ़ता गया। हियुवा का कार्यक्रम में सुनील सिंह को सुनने के लिए भारी भीड़ भी आने लगी थी। शायद यही वजह है कि सुनील सिंह को अब योगी की जरूरत कम महसूस होने लगी। नतीजनत, उन्होंने बगावत कर दी।

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