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आंध्र प्रदेश विधानसभा में विधान परिषद समाप्त करने का प्रस्ताव

👤 manish kumar | Updated on:27 Jan 2020 11:42 AM GMT

आंध्र प्रदेश विधानसभा में विधान परिषद समाप्त करने का प्रस्ताव

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अमरावती। आंध्र प्रदेश में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के प्रमुख व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की कैबिनेट ने बड़ा फैसला लेते हुये सोमवार को राज्य में उच्च सदन विधान परिषद को समाप्त करने वाले प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। सरकार ने इस प्रस्ताव को आज ही विधानसभा के विस्तारित सत्र में पेश कर दिया है। मुख्यमंत्री के प्रस्ताव पर विधानसभा में उप मुख्यमंत्री आल्ला नानी ने चर्चा शुरू कर दी है। अगर विधानसभा में यह प्रस्ताव पारित हो जाता है तो राज्य में विधान परिषद का अस्तित्व खत्म हो जायेगा। तेलुगु देशम पार्टी सहित विपक्षी दलों ने विधानसभा की कार्यवाही का बहिष्कार कर दिया है।

दरअसल जगन सरकार राज्य में तीन राजधानी बनाने की योजना पर काम कर रही है। इसमें राजधानी अमरावती से विशाखापट्टनम, अमरावती में विधानसभा और कर्नूल में हाईकोर्ट बनाने का प्रस्ताव है। इस प्रस्ताव को राज्य सरकार विधानसभा में पारित करवा चुकी है लेकिन विधान परिषद में सत्तारूढ़ पार्टी वाइएसआरसीपी का बहुमत न होने से प्रस्ताव पारित नहीं हो सका था। सरकार ने अपने तीन राजधानी के प्रस्ताव को अमल में लाने के लिये राज्य से विधान परिषद को ही समाप्त करने का निर्णय लिया है। राज्य की कैबिनेट ने सोमवार को सुबह राज्य से विधान परिषद को समाप्त करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसके बाद सरकार ने इस प्रस्ताव को विधानसभा में पेश कर दिया है। लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री और टीडीपी अध्यक्ष नारा चंद्रबाबू नायडू के विधायकों सहित पूरे विपक्ष ने विधानसभा सत्र का बहिष्कार कर दिया है।

उल्लेखनीय है कि देश में सिर्फ छह राज्यों में विधान परिषद् कार्य कर रही हैं। इनमें उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना शामिल हैं। हिस

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