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जगदगुरू शंकराचार्य ने वासुदेवानंद सरस्वती को ट्रस्ट मे शामिल करने पर उठाये सवाल

👤 manish kumar | Updated on:9 Feb 2020 6:35 AM GMT

जगदगुरू शंकराचार्य ने वासुदेवानंद सरस्वती को ट्रस्ट मे शामिल करने पर उठाये सवाल

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नरसिंहपुर । राम मंदिर ट्रस्ट के गठन पर द्विपीठाधीश्वर जगदगुरू शंकराचार्य महाराज जी द्वारा ट्रस्ट के गठन को लेकर अनोके सवाल उठाये । महाराज श्री द्वारा केन्द्र रकार पर आरोप लगाते हुये कहा केन्द्र सरकार आरएसएस के इशारे पर चल रही है और कहा यदि ट्रस्ट में किसी धर्माचार्य को शामिल नही किया गया तो राम जन्म भूमि पूजन हेतू नही जायेंगे ।गत दिवस द्विपीठाधीश्वर जगदगुरू शंकराचार्य स्वामी स्वारूपानंद जी महाराज द्वारा पत्रकार वार्ता के दौरान चर्चा करते हुये बताया कि केन्द्र सरकार द्वारा आरएसएस के इशारें पर ट्रस्ट गठन किया गया है और ट्रस्ट मे उन लोगो को शामिल किया गया है जो धर्म के बारे मे पूर्ण रूप से परिपक्व नही है । एंव ट्रस्ट के गठन को लेकर केन्द्र सरक ार पर अनेको सवाल उठाये ।

नही जायेंगे महाराज श्री

महाराज श्री द्वारा चर्चा के चर्चा करते हुये बताया कि यदि सरकार द्वारा ट्रस्ट के गठन पर किसी उच्च धर्माचार्य को शमिल नीह किया जावेगा तो द्विपीठाधीश्वर जगदगुरू शंकराचार्य स्वामी स्वारू पानंद जी महाराज मंदिर में पूजन करने नही जायेंगे महाराज श्री के इस ब्यान के बाद चर्चा आम हो गई है महाराज श्री द्वारा कहा गया कि सरकार के इशारे पर ट्रस्ट का गठन तो किया गया है । लेकिन मंदिर मे स्थापना एंव विधि विधान के लिये धर्माचार्य की आवश्यकता है और ट्रस्ट का गठन होने के बाद यदि धर्मानुसार स्थापना यदि विधिविधान से नही हुआ तो उस मंदिर मे पूजन अर्चन का कोई महत्व नही रह जायेगा ।

संविधान के अनुसार बनेगा मंदिर र्ध के नही

ज्योतिष एवं द्वारकापीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज ने नरसिंहपुर जिले के झोंतेश्वर में स्थित परमहंसी गंगा आश्रम में पत्रकारवार्ता के दौरान कहा कि केंद्र सरकार मंदिर नहीं बना सकती । मंदिर का निर्माण केवल राम भक्त ही कर सकते हैं। श्री राम मंदिर ट्रस्ट के गठन को लेकर स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज केंद्र सरकार से नाराज हैं उन्होंने कहा कि ट्रस्ट में सरकारी व्यक्ति शामिल हैं और सरकारी व्यक्ति मंदिर नहीं बना सकते उन्होंने कहा कि इस ट्रस्ट को बनाने का उददेश्य यह है कि यह मंदिर संविधान के अनुसार बनेगा धर्म के अनुसार नहीं है और धर्माभिलंबियों को आहत है ।

केन्द्र सरकार को देंगे नोटिस

उन्होंने विश्व हिंदू परिषद आरएसएस को सनातन धर्म को बिगाडने वाला बताया उन्होंने कहा कि उन्हें ट्रस्ट में किसी को रखने पर कोई आपत्ति नहीं है उन्हें तो ट्रस्ट बनाने पर ही आपत्ति है । उन्होंने वार्ता के दौरान महाराज श्री द्वारा काह गाया कि वह इस विषय में केंद्र सरकार को नोटिस देंगे कि उन्होंने किस आधार पर वासुदेवानंद को ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य मानकर प्रचारित किया और ट्रस्ट में शामिल किया उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार मंदिर नहीं बना रही है बल्कि एक स्मारक बना रही है । यह बात वह संतों को समझाएंगे,उन्होंने कहा है कि राम भक्त और संत महात्मा मिलकर रामलला का सुंदर मंदिर बनाएंगे।

धर्म के अनुसार पूजन

महाराज श्री द्वारा क हा गया कि सरकार मंदिर के फैसले वह ना खुश है क्योकि संविधान के अनुसार मंदिर निर्माण को हो सयकता है लेकिन उसमें भगवान की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी और गर्भ गृह में किसी को भी प्रवेश नहीं किया जाएगा । उन्होंने कहा कि सरकार मंदिर बनाएगी तो वह शराब के टैक्स आदि से प्राप्त राशि से मनाया जाएगा । लोगों से लिए गए कई तरह के करों से बनाया जाएगा इसलिए यह मंदिर नहीं बनाया जा सकता। सरकार मंदिर नहीं बना सकती। उन्होंने उमा भारती के बयान को लेकर भी सवाल खड़े किए। हमारा स्पष्ट मत है कि मंदिर में भगवत दर्शन से किसी को भी नहीं रोका जाएगा किंतु गर्भ गृह में जो वेद मंत्र के अनुसार भगवान को जगाने भोग लगाने जैसे विविध उपचारों का विधिवत ज्ञाता होगा वही गर्भ ग्रह मैं पूजा के लिए अधिकृत होगा और यह कार्य परंपरा से ब्राह्मण ही करते आ रहे हैं शेष सभी बाहर से दर्शन करेंगे ।

आरएसएस व विहिप पर भी उठाये सवाल

महाराज श्री द्वारा विहिप व आरएसएस पर भी सवाल उठाये एंव केन्द्र सरकार व प्रधानमंत्री को लेकर भी टिप्पणी की एंव कहा ट्रस्ट निमार्ता स्वयं पता कर लें वर्तमान में ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य कौन है सरकारी कर्मचारी जो दृष्टि बनाए गए हैं वे धर्मनिरपेक्ष सरकार के प्रतिनिधि हैं वे धार्मिक कार्यों के लिए वैध नहीं है कोई कांग्रेसी कोई भाजपा या संघ नहीं था उस समय वैदिक धमार्नुकूल मान्यताएं थी राम भक्त वीरों की भावनाओं एवं उनके बलिदान के साथ खिलवाड़ कर सरकार आज स्वयं कटघरे में आ गई है अब तो यह भी विचारणीय है कि भारत देश का अस्तित्व कब से माना जाए संविधान निर्माण के पश्चात या सन 2014 से जब मोदी प्रधानमंत्री बने थे। जगतगुरु शंकराचार्य ने आगे कहा कि अयोध्या में पर्यटन स्थल नहीं परम ब्रह्मा भगवान राम का ही मंदिर मिलजुलकर बनाएंगे ।

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