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केजरीवाल ने पुराने दोस्तों से किया किनारा, विपक्षी नेताओं को भी नहीं दिया निमंत्रण

👤 mukesh | Updated on:16 Feb 2020 6:36 AM GMT

केजरीवाल ने पुराने दोस्तों से किया किनारा, विपक्षी नेताओं को भी नहीं दिया निमंत्रण

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नई दिल्ली। दिल्ली चुनाव में जबरदस्त जीत हासिल करने के बाद केजरीवाल तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं. अन्ना आंदोलन से राजनीति के इस सफर में केजरीवाल को यहां तक पहुंचाने में कई लोगों की अहम भुमिका रही है. लेकिन इनमें से किसी को भी केजरीवाल के शपथ समारोह में निमंत्रण नहीं दिया गया है.

केजरीवाल को पहली बार दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाने के लिए जिन लोगों ने दिन-रात मेहनत की. उनमें से शायद ही एक-दो चेहरे होंगे जिन्हें तीसरी बार शपथ ग्रहण में शामिल होने का निमंत्रण मिला है. इस बार उनके शपथ ग्रहण समारोह में अलग-अलग तबकों से आने वाले 50 लोगों को विशेष तौर पर बुलाया गया है, इनमें से ज्यादातर साधारण लोग हैं. जिन्होंने अपने दमखम से दिल्ली की तस्वीर बदलने का बीड़ा उठाया है.

दिल्ली के निर्माता के नाम से सजा मंच

शपथ ग्रहण समारोह में 'दिल्ली के निर्माता' नाम से मंच बनाया गया है. इस पर दिल्ली को बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले अलग-अलग तबकों के 50 लोग रहेंगे.

इन 50 लोगों में दिल्ली के टीचर, सिगनेचर ब्रिज के आर्किटेक्ट, आग बुझाते हुए जान देने वाले फायर फाइटर की फैमिली, डोर स्टेप डिलीवरी करने वाले लोगों के प्रतिनिधि, बाइक एम्बुलेंस से लोगों की मदद करने वाले लोग, फरिश्ते योजना के तहत दुर्घटना में घायल हुए लोगों को अस्पताल पहुंचा कर जान बचाने वाले लोग जैसे मेहमान शामिल होंगे.

किसी मुख्यमंत्री को नहीं बुलाया

लोकसभा चुनाव के दौरान विपक्षी एकता और ताकत को प्रदर्शित करने के लिए केजरीवाल अक्सर कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ एक मंच पर नजर आते थे. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ केजरीवाल के रिश्ते अच्छे बताए जाते हैं, इसके बावजूद उन्होंने ममता को नहीं बुलाया. इसके अलावा झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने अपने शपथ ग्रहण में केजरीवाल को निमंत्रण भेजा था, लेकिन केजरीवाल ने उन्हें भी नहीं बुलाया. (एजेंसी हिस.)

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