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सुन्नी वक्फ बोर्ड अयोध्या में मस्जिद निर्माण के लिए बनाएगा ट्रस्ट

👤 Veer Arjun | Updated on:24 Feb 2020 3:01 PM GMT

सुन्नी वक्फ बोर्ड अयोध्या में मस्जिद निर्माण के लिए बनाएगा ट्रस्ट

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लखनऊ । उत्तर प्रदेश सुन्नी वक्फ बोर्ड ने अयोध्या में मस्जिद निर्माण के लिए राज्य सरकार द्वारा दिये गये पांच एकड़ जमीन को स्वीकार कर लिया है। सोमवार को राजधानी लखनऊ में हुई बोर्ड की बैठक में निर्णय लिया गया कि मस्जिद के निर्माण के लिए एक ट्रस्ट का गठन होगा।

सुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष जुफर अहमद फारूकी की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि इस पांच एकड़ जमीन में मस्जिद के साथ ही इस्लामिक सेंटर, चैरिटेबल अस्पताल और पब्लिक लाइब्रेरी का निर्माण होगा। करीब ढाई घंटे तक चली बैठक में लिए गए फैसले की जानकारी देते हुए सुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष जुफर अहमद फारुकी ने बताया कि उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर प्रदेश की योगी सरकार ने अयोध्या में मस्जिद निर्माण के लिए बोर्ड को पांच एकड़ जमीन दी है। उन्होंने बताया कि बोर्ड ने इस जमीन को स्वीकार करने का निर्णय लिया है।

जुफर फारुकी ने बताया कि इस जमीन पर मस्जिद निर्माण के लिए एक ट्रस्ट बनेगा और वहां मस्जिद के साथ ही एक ऐसा केंद्र स्थापित किया जाएगा जो इंडो-इस्लामिक सभ्यता को प्रदर्शित करेगा। उन्होंने बताया कि इस भूमि पर चैरिटेबल अस्पताल, पब्लिक लाइब्रेरी और समाज की उपयोगिता के अन्य सुविधाओं की भी व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने बताया कि इस जमीन पर सभी निर्माण कार्य प्रस्तावित ट्रस्ट अपने संसाधनों से करेगा। इसमें समाज की भी मदद ली जाएगी। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि सुन्नी वक्फ बोर्ड इस निर्माण कार्य में कोई पैसा खर्च नहीं करेगा। अयोध्या में बनने वाली इस मस्जिद के नाम के बारे में बोर्ड अध्यक्ष ने कहा कि इसका निर्णय बाद में लिया जाएगा।

बोर्ड के दो सदस्यों ने बैठक का किया बहिष्कार

उत्तर प्रदेश सुन्नी वक्फ बोर्ड की आज राजधानी में हुई इस महत्वपूर्ण बैठक में बोर्ड के आठ में से छह सदस्य मौजूद रहे। बैठक में बोर्ड के अध्यक्ष जुफर फारूकी के अलावा अदनान फरूक शाह, जुनैद सिद्दीकी, सैयद अहमद अली, अबरार अहमद और जुनीद अहमद उपस्थित रहे। बैठक का बहिष्कार करने वालों में अब्दुल रज्जाक खान और इमरान माबूद शामिल थे। इन दोनों सदस्यों ने सरकारी जमीन लेने का विरोध किया है।बैठक के बाद बताया गया कि प्रस्तावित ट्रस्ट तथा उसके पदाधिकारियों से संबंधित सम्पूर्ण विवरण की घोषणा ट्रस्ट के गठन के बाद की जाएगी।

गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने नौ नवम्बर को अयोध्या विवाद पर ऐतिहासिक फैसला दिया था। इस फैसले में शीर्ष न्यायालय ने विवादित स्थल पर राम मंदिर का निर्माण करने और सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद के लिए अयोध्या में पांच एकड़ जमीन देने के आदेश दिए थे। इसके बाद प्रदेश की योगी सरकार ने अयोध्या-लखनऊ राजमार्ग पर पांच एकड़ जमीन सुन्नी वक्फ बोर्ड को देने का निर्णय लिया था।

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