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सियासी तूफान : एमपी के विधायक लौटे, गुजरात के बने मेहमान

👤 manish kumar | Updated on:15 March 2020 2:37 PM GMT

सियासी तूफान : एमपी के विधायक लौटे, गुजरात के बने मेहमान

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जयपुर । मध्यप्रदेश में उठे सियासी तूफान के बाद राजस्थान के मेहमान बने कांग्रेसी विधायक रविवार सुबह विशेष विमान से भोपाल के लिए रवाना हो गए। इस बीच गुजरात के एक दर्जन से अधिक कांग्रेसी विधायक राजस्थान पहुंचे। गुजरात कांग्रेस में राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग का अंदेशा है, इसलिए कुछ विधायकों को जयपुर तो कुछ को उदयपुर शिफ्ट किया गया है।

मध्यप्रदेश में उठे सियासी तूफान के बाद कांग्रेस ने अपने विधायकों को जयपुर शिफ्ट किया था। चार दिन तक जयपुर में रुकने के बाद ये विधायक रविवार सुबह विशेष विमान से भोपाल के लिए रवाना हो गए। इससे पहले शनिवार रात को गुजरात के 14 कांग्रेस विधायक जयपुर पहुंचे। गुजरात के विधायकों को राज्यसभा चुनाव के मद्देनजर जयपुर लाया गया है, ताकि उन्हें कोई तोड़ न सके। गुजरात कांग्रेस को राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग का खतरा लग रहा है। लिहाजा, राजस्थान को सुरक्षित मानते हुए उन्हें जयपुर और उदयपुर शिफ्ट किया गया है।

गुजरात में राज्यसभा सीट जीतने का गणित

180 सीटों वाली गुजरात विधानसभा में भाजपा के 103 विधायक हैं। उसे एनसीपी के एक और बीटीपी के दो विधायकों का समर्थन है। ऐसे में उसके पास कुल 106 विधायकों का समर्थन है। कांग्रेस के पास 73 विधायक हैं। निर्दलीय जिग्नेश मेवाणी के समर्थन से उसका संख्या बल 74 का है। राज्य की एक विधानसभा सीट जीतने के लिए 37 वोट की जरूरत होगी। ऐसे में भाजपा को दो और कांग्रेस को एक सीट आसानी से मिल जाएगी। चौथी सीट का फैसला दूसरी वरीयता के वोट से होगा। भाजपा तीन सीट जीतने का दावा कर रही है। यही कारण है कि कांग्रेस को विधायकों के टूटने का डर सता रहा है। जो 14 विधायक राजस्थान पहुंचे हैं, उनमें लखाभाई भरवाड़ वीरमगाम, पूनम परमार सोजित्रा, जिनी बेन ठाकोर वाव, चंदनजी ठाकोर सिद्धपुर, रित्विक मकवाना चोटिला, चिराग कालरिया जामजोधपुर, बलदेव ठाकोर कलोल, नाथाभाई पटेल धनेरा, हिम्मतसिंह पटेल बापूनगर, इंद्रजीत ठाकोर महुधा, राजेश गोहिल ढांढुका, हर्षद रिबदिया विसावदर, अजीत सिंह चौहान बालासिनोर और कांति परमार ठासरा शामिल हैं। गुजरात विधानसभा में भाजपा के मौजूदा विधायकों की संख्या को देखते हुए राज्यसभा में उसे एक सीट खोने का डर है। ऐसे में कांग्रेस को क्रॉस वोटिंग का डर है। (हि. स.)

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