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कोरोना से निपटने का एकमात्र तरीका ज्यादा से ज्यादा टेस्ट, सरकार करे किट की व्यवस्था : कांग्रेस

👤 mukesh | Updated on:31 March 2020 11:46 AM GMT

कोरोना से निपटने का एकमात्र तरीका ज्यादा से ज्यादा टेस्ट, सरकार करे किट की व्यवस्था : कांग्रेस

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नई दिल्ली। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव को लेकर लोगों से घरों में सुरक्षित रहने की अपील करते हुए कांग्रेस पार्टी ने केंद्र सरकार से ज्यादा से ज्यादा टेस्ट किए जाने की मांग की है। विपक्षी पार्टी ने कहा कि वर्तमान में जांच किट की कमी इस वायरस को रोकने में सबसे बड़ी समस्या है, जिसपर सरकार को गंभीरता दिखाते हुए जल्द निर्णय लेने की जरूरत है।

कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पत्रकारों से बात की। उन्होंने कहा कि अगले कुछ समय में देश में कोविड-19 का तीसरा चरण शुरू हो सकता है। ऐसे में इससे निपटने का एकमात्र तरीका ज्यादा से ज्यादा परीक्षण करना है। हालांकि टेस्ट किट की कमी सारी कोशिशों पर पानी फेर सकती है। उन्होंने कहा कि इस समय दुनिया में टेस्टिंग प्रॉसेस को लेकर भारत सबसे पीछे है। भारत में जहां प्रति दस लाख लोगों पर सिर्फ 32 टेस्ट किए गए हैं, वहीं इंग्लैंड में 1921 और अमेरिका में यह आंकड़ा 2600 है। उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भी एडवाइजरी जारी कर अधिक परीक्षण किए जाने पर जोर दिया है।

कांग्रेस नेता ने राज्य सरकारों की दुविधा पर कहा कि राज्यों के पास सीमित टेस्ट किट होने के कारण वह इन्हें गंभीर स्थिति के लिए रिजर्व रखना चाहते हैं, जो एक तरीके से बुद्धिमानी भरा फैसला है। लेकिन आज अगर जांच नहीं किया जाता है तो पता ही नहीं चल सकेगा कि इस महामारी का कितना असर हुआ है।

मनीष तिवारी ने कहा कि वर्तमान में चार कंपनियां टेस्ट किट का निर्माण कर रही हैं, जबकि इसके लिए 17 कंपनियों ने आवेदन किया था। तब सरकार ने यह कह कर बाकियों को रिजेक्ट कर दिया वो एफडीए या ईयू का अप्रूवल लेकर आएं। वर्तमान परिदृश्य में एफडीए या ईयू का अनुमोदन प्राप्त करना आसान नहीं है। इसलिए सरकार से अनुरोध है कि वो गुणवत्ता से समझौता किए बिना अधिक से अधिक टेस्ट के निर्माण और देशभर में इसकी उपलब्धता को सुनिश्चित करे।

इसके अलावा, कांग्रेस नेता ने उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में अन्य राज्यों से लौटे गरीब मजदूरों पर कीटनाशक छिड़के जाने की घटना को अमानवीय करार दिया। उन्होंने कहा कि भले ही महामारी की स्थिति है लेकिन हम अपनी मावनता तो नहीं भूल सकते। उन्होंने कहा कि यह घटना इंडिया और भारत की परिकल्पना के अंतर को उजागर करता है। साथ ही उन्होंने बैंकों को ईएमआई राहत संबंधी नोटिफिकेशन भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा नहीं मिलने का मुद्दा उठाते हुए कहा कि इससे लोगों में संदेह की स्थिति है। उन्हें डर है कि कही नोटिफिकेशऩ नहीं मिलने का बहाना कर बैंक उनके खाते से ईएमआई निस्तारित न कर ले। इस स्थिति में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण से निवेदन है कि वो इस पर संज्ञान लें और ईएमआई संबंधी नोटिफिकेशन आज ही बैंकों को जारी होना सुनिश्चित करें। (एजेंसी हिस.)

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