कोरोना से बचाव के लिये बुन्देलखंड के सात जिलों को मिले 105 करोड़ रुपये
हमीरपुर। बुन्देलखंड के सभी जनपदों को कोरोना वायरस से बचाव के लिये शासन ने 105 करोड़ रुपये की धनराशि अवमुक्त कर दी है। इसमें महोबा, झांसी, बांदा, ललितपुर, जालौन, हमीरपुर और चित्रकूट को पन्द्रह-पन्द्रह करोड़ की धनराशि भी अवमुक्त की गयी है। योगी आदित्यनाथ की सरकार ने अवमुक्त धनराशि का उपयोग जनपदों में आश्रय स्थल एवं स्क्रीनिंग कैम्प बनाने और जरूरतमंदों को भोजन सामग्री वितरित करने के आदेश सभी जिलाधिकारियों को दिये है।
हमीरपुर के परियोजना निदेशक चित्रसेन सिंह ने शुक्रवार को दोपहर बताया कि शासन से फिलहाल पांच करोड़ की धनराशि मिल गयी है। इससे हमीरपुर जिले में संचालित 59 आश्रय स्थलों में रह रहे 1045 लोगों को खाने पीने का इंतजाम किया जायेगा। सम्पूर्ण विश्व में फैली कोरोना महामारी मानव अस्तित्व के लिये सबसे बड़ा खतरा बनकर सामने खड़ा है। करोनो वायरस का इलाज व दवा की खोज अभी तक नहीं हो सकी है। इससे बचाव का एक मात्रा उपाय यही है कि संक्रमित रोगी से दूर रहें व सामाजिक दूरी बनाये रखें एवं लाकडाउन के नियमों का पालन करें। लेकिन बहुतायत संख्या में ऐसे परिवार भी हैं जो प्रतिदिन मजदूरी करके दो वक्त के भोजन का जुगाड़ किसी तरह करते हैं।
कोरोना वायरस के कारण किये गये लाकडाउन के चलते रोजमर्रा के कामकाज पूरी तरह ठप है। ऐसे में दिहाड़ी मजदूरी से जुड़े परिवारों के सामने भोजन की समस्या दिनों-दिन विकराल होती जा रही है। इसी समस्या के चलते शासन ने प्रत्येक जनपद के जरूरतमन्द लोगों को भोजन सामग्री वितरित करने के लिये 15-15 करोड़ रुपये कुल 105 करोड़ की धनराशि आवंटित कर दी है।
योगी आदित्यनाथ की सरकार के निर्देश पर अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार ने सभी जिलाधिकारियों को आदेश दिये हैं कि कोविड-19 वायरस के संक्रमण को रोकने के दृष्टिगत श्रमिक/मजदूर व कामगारों की यात्रा से संक्रमण फैलने की संभावना की स्थिति से बचने के लिये इन व्यक्तियों को लाकडाउन की अवधि के दौरान यथास्थान पर ही किसी उपयुक्त भवन/स्थान जैसे स्कूल, कालेज, होटल, हॉस्टल धर्मशाला आदि को चिन्हित कर उसे अस्थायी स्क्रीनिंग कैम्प, आश्रय स्थल में परिवर्तित कर इन व्यक्तियों को उनमें रखने तथा प्रत्येक व्यक्ति के लिये पर्याप्त भोजन व्यवस्था, पेयजल, साफ शौचालय, तथा प्रसाधन, परिसर की समुचित साफ-सफाई व रखे गये व्यक्तियों में सोशल डिस्टेसिंग बनाये रखें तथा पर्याप्त चिकित्सा सुविधा की व्यवस्था सुनिश्चित करें।
स्थापित किये गये अस्थायी स्क्रीनिंग कैम्प/आश्रय स्थल में जिन व्यक्तियों को रखा गया है, उनके लिये यह सुनिश्चित किया जायेग कि वह 14 दिन तक वहीं पर रुके तथा उनका निरन्तर स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाये। यदि कोरोना के लक्षण पाये जाये तो उन्हें इलाज के लिये मेडिकल प्रोटोकाल के अनुसार पूर्व से चिन्हित अस्पतालों में भर्ती कराया जाये। अस्थायी स्क्रीनिंग कैम्प/आश्रय स्थलों में जिन लोगों को रखा गया है उन्हें 14 दिन से पूर्व बाहर न जाने दिया जाये। हमीरपुर के परियोजना निदेशक चित्रसेन सिंह ने बताया कि शासन ने कोरोना वायरस से बचाव के लिये बहुत बड़ी राहत दी है। पांच करोड़ की धनराशि फिलहाल मिल गयी है जिससे जनपद में संचालित 59 आश्रय स्थलों में रह रहे 1045 विस्थापित लोगों के लिये खाने पीने के इंतजाम किये जायेंगे। (हि.स.)