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महाराष्ट्रः उद्धव सरकार तुगलकी फरमान, सरकारी काम हो मराठी का इस्तेमाल वरना नहीं होगा इंक्रीमेंट

👤 mukesh | Updated on:1 July 2020 7:51 AM GMT

महाराष्ट्रः उद्धव सरकार तुगलकी फरमान, सरकारी काम हो मराठी का इस्तेमाल वरना नहीं होगा इंक्रीमेंट

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मुम्बई। महाराष्ट्र में उद्धव सरकार ने तुगलकी फरमान सुनाते हुए सरकारी दफ्तरों में मराठी का इस्तेमाल अनिवार्य करने का आदेश जारी किया है. सरकार ने सभी सरकारी कर्मचारियों को मराठी भाषा का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करने का निर्देश दिया है.

इस आदेश का पालन नहीं करने पर इंक्रीमेंट रोक दिया जाएगा. मतलब साफ है कि उद्धव के मराठी मानुष वाली विचारधारा को नहीं मानने वाले कर्मचारियों की सैलरी नहीं बढ़ाई जाएगी.

प्रदेश सरकार के सर्कुलर में कहा गया है कि राज्य के सभी सरकारी दफ्तरों, मंत्रालयों, निकाय कार्यालयों में आधिकारिक उपयोग के लिए मराठी भाषा का उपयोग किया जाए. जो कर्मचारी ऐसा नहीं करते हैं, उनका सालाना इंक्रीमेंट रोक दिया जाएगा.

इसमें सरकारी विज्ञापनों और स्लोगन्स में हिंदी और अंग्रेजी के उपयोग को भी संज्ञान में लाया गया है. इस मामले में दोषी पाए जाने पर छूट तभी दी जाएगी, जब मराठी इस्तेमाल ना कर पाने के पीछे कोई ठोस वजह दी जा सके.

सर्कुलर में कुछ सरकारी योजनाओं के विज्ञापनों और स्लोगन को हिंदी और अंग्रेजी में लिखे जाने को संज्ञान में लाया गया है. कहा गया है कि इस संबंध में पहले भी सर्कुलर जारी किए गए हैं लेकिन इसका पालन नहीं किया जा रहा है.

बता दें कि इससे पहले फरवरी में सरकार ने प्रदेश के हर स्कूल में 10वीं कक्षा तक मराठी भाषा पढ़ाना अनिवार्य कर दिया था. (एजेंसी, हि.स.)

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