Home » देश » किसान आंदोलन : अब झड़ौदा बॉर्डर भी हुआ सील, डबल बैरिकेडिंग लगाकर रास्ते किए बंद

किसान आंदोलन : अब झड़ौदा बॉर्डर भी हुआ सील, डबल बैरिकेडिंग लगाकर रास्ते किए बंद

👤 Veer Arjun | Updated on:2 Dec 2020 7:49 AM GMT

किसान आंदोलन : अब झड़ौदा बॉर्डर भी हुआ सील, डबल बैरिकेडिंग लगाकर रास्ते किए बंद

Share Post

नई दिल्ली । केंद्र के तीन कृषि सुधार कानूनों के विरोध में जारी किसानों के आंदोलन के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और हरियाणा के सभी बॉर्डर के बाद अब झड़ौदा बॉर्डर को भी सील कर दिया गया है। एक दिन पहले तक बॉर्डर से आवाजाही की जा रही थी, जो लोग दिल्ली से हरियाणा की तरफ जा रहे थे, उन्हें जाने दिया जा रहा था। जो लोग हरियाणा से दिल्ली की तरफ आ रहे थे, उनकी सख्ती से चेकिंग की जा रही थी, लेकिन अब इस बॉर्डर को भी सील कर दिया गया है। बॉर्डर पर जवानों की तैनाती कर दी गई है। साथ ही डबल बैरिकेडिंग कर रास्ते को बंद कर दिया गया है। इसके अलावा रास्ते पर पूरी तरह से घेराबंदी करने के लिए ट्रक लगाकर रास्ते को बंद कर दिया गया है।

जानकारी के अनुसार, यह बॉर्डर रोहतक बहादुरगढ़ मेन रोड के साथ लगा हुआ है। जहां से लोग अंदर घुसकर नजफगढ़ इलाके से होते हुए दिल्ली पहुंच सकते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए पुलिस को ऐसे इनपुट मिले थे कि आंदोलनकारी सिंधु बॉर्डर और टिकरी बॉर्डर के बाद अब झड़ौदा बॉर्डर पर भी आ सकते हैं। इसलिए पुलिस ने उक्त बॉर्डर को भी सील कर दिया है।

शाह ने किसान आंदोलन को लेकर तोमर और गोयल के साथ की बैठक

नए कृषि कानूनों को लेकर आंदोलनरत किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ वार्ता नाकाम होने के ठीक एक दिन बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक अहम बैठक की। घंटे भर चली इस बैठक में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल शामिल रहे।

शाह के आवास पर हुई इस बैठक में गत मंगलवार को किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ हुई बातचीत पर चर्चा की गई। इसके साथ ही गुरुवार तीन दिसम्बर को किसानों से होने वाली बातचीत के मद्देनजर विचार-विमर्श किया गया। शाह ने तोमर और गोयल से किसानों के साथ हुई बातचीत के बारे में विस्तार से जानकारी लेने के बाद गुरुवार को होने वाली वार्ता को लेकर चर्चा की।

उल्लेखनीय है कि सरकार ने बीते मंगलवार को यहां विज्ञान भवन में किसान संगठनों के नुमाइंदों से वार्ता की। वार्ता में सरकार ने एक कमेटी गठित करने का प्रस्ताव रखते हुए किसानों से कहा कि वह अपनी ओर से 4-5 सदस्यों के नाम दें। कमेटी में कृषि विशेषज्ञ और सरकार के नुमाइंदों को भी शामिल किया जाएगा, किंतु किसानों ने सरकार के कमेटी बनाने के प्रस्ताव को नामंजूर करते हुए आंदोलन जारी रखने का ऐलान कर दिया। विज्ञान भवन में 32 किसान संगठनों के प्रतिनिधियों और सरकार के बीच तकरीबन साढ़े तीन घंटे चली बैठक बेनतीजा साबित हुई। सरकार की ओर से कृषि व किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और राज्य मंत्री सोमप्रकाश बैठक में शामिल हुए।

बैठक के बाद कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री तोमर ने कहा कि बैठक में दोनों पक्षों के बीच कुछ मुद्दों पर समझ बनी है। उन्होंने कहा कि तीन दिसम्बर को फिर वार्ता होगी। किसान संगठन भी अपने मुद्दे लेकर आएंगे और उसपर चर्चा होगी।

Share it
Top