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छत्तीसगढ़ : किसानों के मुद्दे पर तीखी नोकझोंक, सदन अगले दिन तक के लिए स्थगित

👤 Veer Arjun | Updated on:21 Dec 2020 10:56 AM GMT

छत्तीसगढ़ : किसानों  के मुद्दे पर  तीखी नोकझोंक, सदन अगले दिन तक के लिए स्थगित

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रायपुर । छत्तीसगढ़ विधानसभा का शीतकालीन सत्र का पहला दिन हंगामेदार रहा। किसानों की मौत मसले पर विपक्ष के स्थगन प्रस्ताव को स्वीकार करने के बाद शोर गुल में डूबा सदन अगले दिन तक के लिए स्थगित हो गया। लेकिन इस मसले की गूंज सदन के बाहर भी रही।

कोंडागांव विधायक मोहन मरकाम ने कहा कि "विपक्ष के पास कोई तर्क नहीं है, कोई तथ्य नहीं है। सदन में घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं, स्थगन स्वीकार हो गया तो चर्चा करनी थी, लेकिन हंगामा करने लगे, चर्चा से भागने लगे.. आख़िर भागे क्यों"।इस पर विपक्ष की ओर से बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि"स्थगन में उठाए मुद्दों पर मंत्री जी के जवाब में वो विषय ही नहीं थे जिसका हमने उल्लेख किया था.,अधुरा जवाब असंतोषप्रद था.। हमने माँग रखी कि मंत्री जी का जवाब पूरा आए। पर वो हुआ नही,विरोध करते गर्भगृह पहुँचे"

सभापति सत्यनारायण शर्मा ने किसानों की मौत को लेकर स्थगन स्वीकार कर लिया था। लेकिन चर्चा हंगामे में बदल गई और बेहद शोरगुल के बीच आसंदी ने सदन की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी।

पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने कहा कि"हमने सरकार से कहा प्रति किसान मुआवज़ा पच्चीस लाख रुपए और दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही की जाए.. इस पर कोई जवाब ही नहीं आया"। इसके बाद भी जब विपक्ष के तेवर कम नहीं हुए तब सत्र की कार्यवाही को आगामी दिवस तक के लिए स्थगित कर दी गई। विधानसभा में शीतकालीन सत्र के पहले दिन ही भारतीय जनता पार्टी समेत विपक्ष के विधायकों ने तीखे तेवर दिखाए हैं।

विधानसभा में भाजपा की ओर से नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, डॉ रमन सिंह, बृजमोहन अग्रवाल, नारायण चंदेल, शिवरतन शर्मा समेत तमाम विधायकों ने किसानों के आत्महत्या के मामले पर सवाल उठाए।इस मामलें पर विपक्ष के वरिष्ठ विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने मृत किसानों के परिजनों को 25 लाख रुपये मुआवजा देने की मांग सरकार से की।इधर बृजमोहन अग्रवाल की इस मांग पर विधायक नारायण चंदेल ने भी समर्थन किया है। उन्होंने सरकार के समक्ष इस मांग पर जोर देते हुए इसे पूरा करने की बात सदन में कहीं। इधर सत्ता पक्ष ने भी विपक्ष के खिलाफ तीखे तेवर दिखाए। सरकार की ओर से किसानों के मामले पर विपक्ष के इस मांग और चर्चा में हो रहे हंगामे को सरकार ने घड़ियाली आंसू बताया है।

विपक्ष के हंगामे और नारेबाजी पर भी कटाक्ष करते हुए सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि विपक्ष चर्चा से भाग क्यों रहा है। मुख्यमंत्री ने सदन में कहा कि किसानों के लिए सदन में जो भी सवाल उठेंगे, उसका पूर्ण रूप से जवाब दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह सरकार किसानों की सरकार है। सरकार और विपक्ष के इस तीखी नोकझोंक और बहस के बीच विपक्ष के विधायक गर्भगृह में पहुंचकर सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी करते रहे जिसके बाद भाजपा और जनता कांग्रेस के सदस्यों को आसंदी की ओर से निलंबित करने की कार्रवाई की गई। इसके बाद सदन को आगामी कार्य दिवस तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।

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