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पाकिस्तानी अखबारों सेः सीमापार कोरोना बेकाबू, सेना ने संभाला मोर्चा

👤 manish kumar | Updated on:9 April 2021 5:26 PM GMT

पाकिस्तानी अखबारों सेः सीमापार कोरोना बेकाबू, सेना ने संभाला मोर्चा

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नई दिल्ली। पाकिस्तान से शुक्रवार को प्रकाशित अधिकांश समाचारपत्रों ने देश में बेतहाशा बढ़ रहे कोरोना वायरस के मामलों को देखते हुए सेना के जरिए सिविल प्रशासन की मदद करने से सम्बंधित खबरें प्रकाशित की है। सेना के कोर कमांडर की मीटिंग में लिए गए फैसले के बारे में बताते हुए सेना के प्रवक्ता ने कहा है कि सेना के जरिए सिविल प्रशासन के साथ मिलकर कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव से लोगों को बचाने के लिए हर संभव मदद की जा रही है। अखबारों का कहना है कि सेना के जरिए की जा रही मदद से आम जन-मानस को काफी राहत मिल रही है। अखबारों ने सेनाध्यक्ष जनरल कमर बाजवा की अध्यक्षता आयोजित कोर कमांडर मीटिंग में कश्मीरियों के जरिए चलाई जा रही मुहिम का पूरा समर्थन जारी रखने के फैसले को प्रमुखता से प्रकाशित किया है। बैठक में भारत-पाकिस्तान के बीच एलओसी पर संघर्ष विराम से सम्बंधित किए गए फैसले पर भी विचार विमर्श किया गया है।

अखबारों ने संसदीय समिति के जरिए चुनाव सुधारों से सम्बंधित संशोधन को मंजूर किए जाने की खबर भी दी है। संसद की कानूनी समिति के जरिए पास किए गए इस संशोधन से जीते हुए प्रतिनिधियों के जरिए 60 दिनों के अंदर शपथ नहीं लिए जाने की कारण उनकी सदस्यता रद्द किए जाने का प्रस्ताव किया गया है। इस कानून से सम्बंधित ऑर्डिनेंस जारी होने के बाद दो नवनिर्वाचित सीनेटर की सदस्यता पर खतरे की तलवार लटक गई है।

अखबारों ने पाकिस्तान में बिजली की दरों में एक रुपया 63 पैसे की वृद्धि किए जान से सम्बंधित खबरें भी दी हैं। अखबारों का कहना है कि आईएमएफ को सरकार ने भरोसा दिलाया है कि वह बिजली महंगी करने जा रहे हैं। सरकार ने पाकिस्तान में पहले भी बिजली की कीमत में 1 रुपया 95 पैसा की वृद्धि का नोटिफिकेशन जारी किया था। अखबारों ने लिखा है कि अगले साल पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति में 4 फीसद और 2024 में 5 फीसद की वृद्धि होने की संभावना आईएमएफ ने जताई है।

अखबारों ने पाकिस्तान में चीनी घोटोले के मद्देनजर जगह-जगह छापेमारी किए जाने और चीनी के जब्त किए जाने से सम्बंधित खबरें भी दी हैं। रावलपिंडी में सरकारी चीनी की 150 बोरियां और घी के 15 कार्टून जब्त किए जाने और दो गोदामों को सील किए जाने की भी खबर दी है। यह सभी खबरें रोजनामा औसाफ, रोजनामा जिन्नाह, रोजनामा नवाएवक्त, रोजनामा खबरें, रोजनामा पाकिस्तान और रोजनामा जंग ने अपने पहले पृष्ठ पर प्रकाशित की हैं।

रोजनामा औसाफ ने प्रधानमंत्री इमरान खान के जरिए इस्लामाबाद के फराज टाउन में 4000 नए फ्लैट के निर्माण का शिलान्यास किए जाने की खबर दी है। अखबार का कहना है कि इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा है कि मुस्लिम लीग नवाज ने अपने शासनकाल के दौरान 20 हजार अरब का विदेशी कर्जा वापस किया था जबकि हमने ढाई साल में 35 हजार अरब का विदेशी कर्जा लौटा दिया है। अखबार का कहना है कि प्रधानमंत्री ने कहा है कि आर्थिक खुशहाली नजर आने लगी है। निर्माण के क्षेत्र में सरकार की तरफ से दी जा रही सब्सिडी के असर सामने दिखाई पड़ने लगे हैं। दो साल में 2000 लोगों को फ्लैट देने का हमने फैसला किया है। हमने पाकिस्तान की आवाम से जो वादा किया था उसे पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं।

रोजनामा जंग ने पाकिस्तान में ग्रेड 1 से 16 तक की सैकड़ों सरकारी नौकरियों को खत्म करने का फैसला लिए जाने से सम्बंधित एक खबर प्रकाशित की है। अखबार में बताया है कि सरकारी खर्चों में कमी करने और संसाधनों का सही तरीके से इस्तेमाल किए जाने के लिए संसदीय कमेटी ने यह फैसला लिया है। अखबार का कहना है कि सरकारी नौकरियों को खत्म किए जाने से सरकार पर पड़ने वाले आर्थिक बोझ को कम करने की कोशिश की जा रही है। अखबार ने बताया है कि वित्त मंत्रालय की रिपोर्ट पर अमल करते हुए यह फैसला लिया गया है। सरकार के इस कदम से आने वाले दिनों में पाकिस्तान में सरकारी नौकरियों के खत्म होने से बेरोजगारी बढ़ जाएगी और मंहगाई की मार झेल रही जनता को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।

रोजनामा खबरें ने सऊदी अरब में तीन नए लेबर कानून लागू किए जाने से सम्बंधित खबर काफी अहमियत से प्रकाशित की है। इस खबर में बताया गया है कि नए कानूनों के तहत पहले सऊदी नागरिकों को नौकरियां दी जाएंगी। सऊदी अरब में नौकरी के लिए नया कानून लागू होने से लाखों पाकिस्तानी और भारतीयों के भी प्रभावित होने का संभावना जताई जा रही है। अखबार का कहना है कि नए कानून में सऊदी अरब में रेस्टोरेंट, कैफे, शॉपिंग मॉल और सुपर मार्केट में सऊदी शाहरियों को अहमियत दिए जाने की बात की गई है। इन कानूनों पर अमल नहीं किए जाने पर भारी जुर्माने का प्रस्ताव भी किया गया है। अखबार का कहना है कि सऊदी अरब के लेबर मिनिस्टर अहमद बिन सुल्तान ने यह नया कानून लागू करने की घोषणा की है। नौकरियों पर पाबदिंयां के नए कानून लागू होने से सऊदी अरब में रहने वाले विदेशी नागरिकों की परेशानियों में वृद्धि होने की संभावना जताई जा रही है। अखबार का कहना है कि पहले इन सभी स्थानों पर बड़ी तादाद में पाकिस्तान, भारत और बांग्लादेश से आने वाले लोग काम किया करते थे।


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