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राजस्थान: पाक शरणार्थियों को जबरन गांव से निकालने पर वन मंत्री का दखल

👤 manish kumar | Updated on:14 May 2021 5:19 AM GMT

राजस्थान: पाक शरणार्थियों को जबरन गांव से निकालने पर वन मंत्री का दखल

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जालोर । जिले के चितलवाना थाना क्षेत्र में पिछले सात सालों से रह रहे पाकिस्तानी शरणार्थियों को क्षेत्र से बेदखल करने का वीडियो वायरल होने के बाद वन मंत्री सुखराम बिश्रोई के निर्देशों पर बेदखली की कार्रवाई रोक दी गई है। सोशल मीडिया में वीडियो वायरल होने के बाद इस मामले की जानकारी वन मंत्री सुखराम बिश्नोई तक पहुंची थी। इसके बाद उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों से बातचीत कर अस्थाई तौर पर शरणार्थियों को रुकवाया है।

मंत्री सुखराम बिश्नोई ने बताया कि सांचौर विधानसभा क्षेत्र के चितलवाना गांव में पाकिस्तान से आए भील समुदाय के लोगों को वहां से अन्यत्र शिफ्ट करने की जानकारी मिली थी। इसके बाद प्रशासन और पुलिस अधिकारियों से बात की गई। उन्होंने बताया कि दिल्ली से खुफिया विभाग ने अलर्ट भेजकर शरणार्थियों के बारे में जानकारी मांगी थी। उन्होंने बताया कि प्रशासन की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान से विस्थापित इन परिवारों के पास जोधपुर का वीजा है और इन्होंने अपना निवास स्थान भी जोधपुर ही बता रखा है। फोन कॉल्स और दूसरी सूचनाओं के आधार पर केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने स्थानीय पुलिस और प्रशासन को अलर्ट भेजा था, जिसके चलते चितलवाना पुलिस ने इन्हें प्रतिबंधित क्षेत्र को खाली करने को कहा था, लेकिन कोविड-19 से उत्पन्न हालातों और मानवीयता के आधार पर पुलिस को निर्देश दिए गए हैं कि ये विस्थापित जिस जगह पर हैं उन्हें वहीं रखा जाए और यथासंभव सरकारी मदद दी जाए।

प्रतिबंधित क्षेत्र में आता है चितलवाना थाना

जिले का सरवाना और चितलवाना थाना प्रतिबंधित क्षेत्र में आता है। इसके चलते इस क्षेत्र में आने वाले बाहरी नागरिकों को एसडीएम से अनुमति लेनी पड़ती है। यह शरणार्थी लंबे समय से बिना अनुमति के रह रहे थे। संदिग्ध गतिविधियों के चलते खुफिया एजेंसियों ने पुलिस को अलर्ट भेजा था, जिसके बाद पुलिस ने शरणार्थियों को क्षेत्र खाली करने को कहा था।

जोधपुर के नाम से लिया हुआ है वीजा

शरणार्थियों ने भारत सरकार से नागरिकता के लिए आवेदन किया हुआ है और इस आवेदन में निवास स्थान जोधपुर बताया है लेकिन, रोजगार की तलाश में यह परिवार चितलवाना थाना क्षेत्र में पहुंच गया था। अब मंत्री के दखल के बाद इनको कोरोना में लगे लॉकडाउन तक चितलवाना में रुकवाया गया है। साथ ही हरसंभव सरकारी मदद देने के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं।(हि.स.)

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