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कोरोना के लिए Scientists ने विकसित की नई थेरेपी विकसित

👤 manish kumar | Updated on:18 May 2021 6:00 AM GMT

कोरोना के लिए Scientists ने विकसित की नई थेरेपी विकसित

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सिडनी। कोरोना (Coronavirus) महामारी के कहर के बीच एक अच्छी खबर सामने आई है। कोविड-19 से गंभीर रूप से ग्रस्त अधिकतर लोगों में खुद ही नोवेल कोरोना वायरस से लड़ने के लिये एंटीबॉडी विकसित हो सकते हैं। एक अध्ययन में इस रोग से बचने और इलाज के लिए एंटीबॉडी थेरेपी के उपयोग का समर्थन करते हुए यह बात कही गई है।

जानकारी के अनुसार वैज्ञानिकों ने एक ऐसी थेरेपी विकसित की है, जो 99.9% COVID-19 पार्टिकल्स को मारने में सक्षम है। वैज्ञानिकों का दावा है कि यह खोज कोरोना के खिलाफ जंग में कारगर साबित हो सकती है। ऑस्ट्रेलिया (Australia) के मेन्जीस हेल्थ इंस्टीट्यूट क्वींसलैंड के अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों की टीम ने इस थेरेपी को विकसित किया है। वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि ये तकनीक एक मिसाइल की तरह काम करती है, जो पहले अपने टारगेट को डिटेक्ट करती है फिर उसे नष्ट कर देती है।

एक रिपोर्ट के अनुसार यह नेक्स्ट-जनरेशन टेक्नोलॉजी एक 'हीट-सीकिंग मिसाइल' की तरह काम करती है। यह पहले COVID पार्टिकल्स की पहचान करती है और उसके बाद उन पर हमला बोल देती है।

शोध में शामिल प्रोफेसर निगेल मैकमिलन (Nigel McMillan) ने दावा किया कि कहा कि यह अभूतपूर्व ट्रीटमेंट वायरस को प्रतिकृति बनाने से रोकता है और इसकी मदद से कोरोना वायरस से होने वाली मौतों को कम किया जा सकता है।

वहीं प्रोफेसर मैकमिलन ने कहा कि यह एक खोजो और नष्ट करो मिशन है। हम इस थेरेपी की मदद से किसी व्यक्ति के फेफडों में मौजूद वायरस को डिटेक्ट करके उसे नष्ट कर सकते हैं। मैकमिलन के अनुसार, यह थेरेपी जीन-साइलेंसिंग (Gene-Silencing) नामक चिकित्सा तकनीक पर आधारित है, जिसे पहली बार 1990 के दशक के दौरान ऑस्ट्रेलिया में खोजा गया था। श्वसन रोग (Respiratory Disease) पर हमला करने के लिए जीन-साइलेंसिंग RNA का उपयोग करती है – DNA के समान शरीर में फंडामेंटल बिल्डिंग ब्लॉक्स.

प्रोफेसर ने बताया कि यह एक ऐसी तकनीक है जो RNA के छोटे टुकड़ों के साथ काम करती है, जो विशेष रूप से वायरस के जीनोम से जुड़ सकती है। यह बाइंडिंग जीनोम को आगे काम नहीं करने देती और आखिरकार उसे नष्ट कर देती है, हालांकि, जैनमविर और रेमडेसिविर जैसे अन्य एंटीवायरल उपचार मौजूद हैं, जो कोरोना के लक्षण को कम करते हैं और रोगियों की जल्द ठीक होने में मदद करते हैं, लेकिन ये ट्रीटमेंट सीधे कोरोना वायरस को खत्म करने का काम करता है।

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