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राजस्थान : गडकरी 9 सितम्बर को करेंगे 33 करोड़ की लागत की हवाई पट्टी का लोकार्पण

👤 Veer Arjun | Updated on:7 Sep 2021 10:04 AM GMT

राजस्थान : गडकरी 9 सितम्बर को करेंगे 33 करोड़ की लागत की हवाई पट्टी का लोकार्पण

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जालोर । उत्तर प्रदेश के बाद राजस्थान (Rajasthan) 9 सितम्बर को दूसरा ऐसा राज्य बन जाएगा, जहां आपात स्थिति में लड़ाकू विमानों (fighter planes) को हाइवे पर उतार कर दोबारा उड़ान भरी जा सकेगी।

भारत-पाकिस्तान (India-Pakistan) की अंतरराष्ट्रीय सरहद (international border) से 40 किलोमीटर भारतीय इलाके में भारतमाला परियोजना के तहत एक ऐसा हाइवे बनाया गया है, जहां से लड़ाकू विमानों का संचालन किया जा सकेगा। अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर से सटे जालोर जिले के चितलवाना में एनएच-925ए पर भारतमाला परियोजना के तहत रनवे बनाया गया है। जालोर जिले के अगड़ावा से सेसावा के बीच आपातकालीन हवाई पट्टी बनकर तैयार हो गई है। इस पट्टी का आपात स्थिति के समय वायुसेना और सेना के लिए उपयोग किया जा सकेगा।

करीब 33 करोड़ की लागत से बनी इस हाइवे की हवाई पट्टी का लोकार्पण देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) 9 सितम्बर को सुबह 11 बजे करेंगे। इसके लिए प्रशासनिक स्तर पर तैयारियां शुरू हो गई हैं। हवाई पट्टी के पास डोम तैयार हो रहा है, जिसमें केंद्रीय मंत्रियों का कार्यक्रम होगा। इस दौरान हाइवे पर लगभग तीन घंटे तक कई फाइटर प्लेन का ट्रायल भी होगा और बॉर्डर इलाका लड़ाकू विमानों की आवाज से गूंज उठेगा। एनएचएआई की ओर से भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत बने हाइवे पर 3 किलोमीटर लंबी हवाई पट्टी बाड़मेर-जालोर बॉर्डर पर बनाई गई है।

एनएचएआई की ओर से भारत माला प्रोजेक्ट के तहत आपातकालीन स्थिति में इस्तेमाल करने के लिए भारत-पाकिस्तान बॉर्डर की यह पहली हवाई पट्टी है, जिसका लोकार्पण करने के लिए देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का पहली बार सीधे हाइवे की आपातकालीन हवाई पट्टी पर ही उतरने का कार्यक्रम प्रस्तावित है। सिर्फ लोकार्पण ही नहीं बल्कि देश की पहली आपातकालीन हवाई पट्टी पर वायुसेना के बेड़े में शामिल करीब आधा दर्जन फाइटर प्लेन का भी करीब तीन घंटे तक अभ्यास होगा।

डोम किया जा रहा है तैयार

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के दौरे को लेकर वायुसेना समेत कई विभाग तैयारियों में जुटे हैं। आसपास के इलाके की सुरक्षा बढ़ाए जाने के साथ ही वहां वायुसेना व सेना पूरी तरह से निगरानी रखे हुए है। जिला प्रशासन और पुलिस भी इसके लिए तैयारियां कर रही है। इसके अलावा एनएचएआई की ओर से भी हवाई पट्टी का सर्वे किया जा रहा है। इसके लिए एनएचएआई व वायुसेना के अधिकारी लगातार इस इलाके के दौरे पर है। यहां 90 गुणा 90 फीट की साइज में डोम तैयार किया गया है। जालोर जिले के गांधव (बाखासर) में भारत माला हाइवे एनएच-925ए पर बनी आपातकालीन हवाई पट्टी 3000 मीटर (3 किमी) लंबी और 33 मीटर चौड़ी है। इस हवाई पट्टी को बनाने में 32.95 करोड़ रुपये लागत आई है। भारत-पाकिस्तान तारबंदी बॉर्डर से महज 40 किमी. दूरी पर यह हवाई पट्टी बनाई गई है।

फाइटर प्लेन के पार्किंग तक की सुविधा

हवाई पट्टी के दोनों सिरों पर 40 गुणा 180 मीटर की दो पार्किंग भी बनाई गई है, ताकि, फाइटर प्लेन को पार्किंग में रखा जा सके। इसके अलावा 25 गुणा 65 मीटर आकार की एटीसी प्लिंथ का डबल मंजिला एटीसी केबिन के साथ निर्माण किया गया है, जो पूरी तरह से वॉशरूम सुविधायुक्त है। हवाई पट्टी के सहारे से 3.5 किमी. लंबी 7 मीटर चौड़ी सर्विस रोड भी बनाई गई है। बॉर्डर इलाके में गांधव से साता, बाखासर, गागरिया तक एनएच-925 और 925ए का निर्माण करवाया गया है। ये हाइवे 2019 में ही पूरा हो गया था। भारतमाला प्रोजेक्ट के इन दोनों हाइवे पर करीब 962 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। भारतीय वायुसेना के लिए फाइटर प्लेन की आपातकालीन लैंडिंग के लिए एनएचएआई की ओर से गांधव के पास 3 किमी लंबी हवाई पट्टी का निर्माण करवाया गया है। भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर सामरिक व आंतरिक सुरक्षा के लिहाज से देश की यह महत्वपूर्ण परियोजना है। इसका निर्माण भारतीय सेना को मजबूत करने और सैन्य सुविधाएं सुगमता से उपलब्ध करवाने के लिए करवाया गया है।

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