menu-search
Fri Feb 26 2021 07:37:35 GMT+0530 (India Standard Time)
Visitors: 117650
Share Post
वीर अर्जुन संवाददाता
नोएडा। एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ फॉरेस्ट्री एंड वाइल्डलाइफ द्वारा छात्रों हेतु वनजीवों के व्यवहार विषय पर विशेष व्याख्यान सत्र का आयोजन एफ वन ब्लाक सभागार एमिटी विश्वविद्यालय मे किया गया। प्रसिद्ध प्राइमाटोलॉजिस्ट एंव मैसूर विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक डा मेवा सिंह ने छात्रों को `` बिहेवियर बायोलॉजी एंड इंटस एप्लीकेशन फॉर मैनेजमेंट ऑफ इंनडेंजरड स्पीसिस'' विषय पर व्याख्यान दिया। इस अवसर पर इंडियन नेशनल सांइस एकेडमी के वरिष्" वैज्ञानिक डा सतीश कुमार गुप्ता उपस्थित थे। अतिथियों का स्वागत एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ फॉरेस्ट्री एंड वाइल्डलाइफ के निदेशक डा एन पी एस चौहान, एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ मॉलेक्यूलर मेडिसिन एंड स्टेम सेल रिर्सच के निदेशक डा बी सी दास एंव एमिटी स्कूल ऑफ नैचुरल रिर्सोस ससटेनेबल डेवलपमेंट के सलाहकार डा बी के पी सिन्हा ने किया। प्रसिद्ध प्राइमाटोलॉजिस्ट एंव मैसूर विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक डा मेवा सिंह ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि बिहेवियरल बायोलॉजी एंव कंजरवेशनल बॉयोलॉजी दोनो भाग आपस में जुड़े है लेकिन दोनो क्षेत्रों के विशेषज्ञ एकदूसरे के क्षेत्र की जानकारी नही रखते। बिहेवियरल बायोलॉजी एंव कंजरवेशनल बॉयोलॉजी के मध्य के रिक्त स्थान में एक सेतु निर्माण आवश्यक है। पौधे एंव पर्यावरण के संरक्षण हेतु वनजीवों के व्यवहार को जानना आवश्यक है। डा सिंह ने अन्नामलाई हिल्स के वन क्षेत्र में वनजीवों के व्यवहार पर किये गये शोध के बारे मे जानकारी देते हुए लायन टेल मकाक एंव हाथियों के बारे मे जानकारी प्रदान की। उन्होने कहा कि सबसे पहले यह जानना आवश्यक है कि वो वनजीव वन के उस क्षेत्र में कहां और क्यों रहते है। उदाहरण देते हुए कहा कि पौधों की कनोपी कटने से कई बार मकाक सड़को पर आ जाते थे और दुर्घटनाग्रस्त हो जाते है इसलिए उनके इस व्यवहार को जानकर सड़कों के उपर लैडर बना कर समस्या का निवारण किया जिससे वे बिना नीचे आये वृक्षों से होकर अन्य वृक्षों पर जा सके। हाथियों के बारे मे जानकारी देते हुए कहा कि पहले हाथियों का झुडं मनुष्यों के आस पास होते हुए भी उन्हें नुकसान नही पहुंचाते थे लेकिन पिछले कुछ समय से कई कारणों से हाथी आक्रमक हो रहे है लोगों को नुकसान पहुंचाते है इसके लिए स्थानों को चिन्हित किया गया। मोबाइल वार्निंग सिस्टम सहित हाथियों की वर्तमान लोकशन दर्शाने वाले उपकरण एंवराज्य निगम की बसों द्वारा जानकारी प्रदान करने का कार्य किया गया। डा सिंह ने छात्रों ने कहा कि आने वाले समय में गंभीर क्षेत्रों में प्रमुख जैव विविधता की जानकारी जुटाना आवश्यक है, कानून एंव नितियों का निर्माण एंव उनका अनुपालन भी आवश्यक है और सुरक्षा रणनिती को अपनाना होगा। वर्तमान परिपेक्ष्य में व्यवहारिक परिस्थितिविज्ञानशास्त्राr, वनजीव संरक्षण एंव प्रबंधन में अहम भूमिका निभा रहे है। एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ फॉरेस्ट्री एंड वाइल्डलाइफ के निदेशक डा एन पी एस चौहान ने अतिथियों को संबोधित करते हुए कहा कि वनजीवों के संरक्षण हेतु उनके व्यवहार को जानना आवश्यक है। एमिटी विश्वविद्यालय में हम इस प्रकार के व्याख्यान सत्रों द्वारा छात्रों को न केवल विशेषज्ञों से मिलने का मौका मिलता है बल्कि उन्हे अपने प्रश्नों के उत्तर सहित शोध के विषय भी प्राप्त होते है।
इस अवसर पर इंडियन नेशनल सांइस एकेडमी के वरिष्" वैज्ञानिक डा सतीश कुमार गुप्ता एंव एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ मॉलेक्यूलर मेडिसिन एंड स्टेम सेल रिर्सच के निदेशक डा बी सी दास द्वारा प्रसिद्ध प्राइमाटोलॉजिस्ट एंव मैसूर विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक डा मेवा सिंह को ``सुंदर लाल होरा मेडल'' से सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर एमिटी विश्वविद्यालय के शिक्षकगण एंव छात्रगण उपस्थित थे।
© 2017 - 2018 Copyright Veer Arjun. All Rights reserved.
Designed by Hocalwire