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बैल्डिंग फैक्ट्री की आड़ में बन रहे थे अवैध कट्टे

👤 admin6 | Updated on:19 Jun 2017 7:23 PM GMT
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वीर अर्जुन संवाददाता

नई दिल्ली। नार्थ ईस्ट जिले के स्पेशल स्टाफ ने एक अहम कामयाबी हासिल करते हुए लोनी में चल रही बैल्डिंग फैक्ट्री की आड़ में अवैध कट्टे बनाने वाले कासमुद्दीन उर्फ कासमू स]िहत तीन आरोपियों को अरेस्ट किया है। बाकी दो आरोपियों के नाम अजय कुमार और हाशिम उर्फ सोनू है। पुलिस ने आरोपियों के पास से 16 कट्टे, 38 कारतूस सहित अवैध कट्टे बनाने में काम आने वाला अन्य सामान बरामद किया है।

ईस्टर्न रेंज के ज्वाइंट सीपी रविन्द्र यादव द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक के निर्देश पर अवैध हथियारों को बनाने और उनकी सप्लाई करने वालों के खिलाफ एक विशेष अभियान चलाया जा रहा था। इस टीम को कासमू के बनाए गए अवैध कट्टों के बारे में जानकारी मिली।

जब इस टीम ने कासमू के बारे में और अधिक जानकारी जुटाई तो पता चला कि अवैध हथियार बनाने वाला कासमू डिसकवर बाइक से सीलमपुर के कूड़ाघर के पास आएगा। इस इनपुट पर कार्रवाई करने के लिए आडिशनल डीसीपी देवेन्द्र आर्य के सुपरविजन और इंस्पेक्टर स्पेशल स्टाफ ऐशबीर सिंह के नेतृत्व में एएसआई जितेन्द्र सिंह, प्रमोद हैड कांस्टेबल राजकुमार, कृष्ण, ब्रह्मपाल, जयवीर कांस्टेबल राजीव और संजय की एक टीम गठित की जिसने बताई गई जगह पर ट्रेप लगाकर एक बाइक को रुकने का इशारा दिया। सामने पुलिस को देखते ही आरोपियों ने यूटर्न लेकर बाइक को दौड़ा दिया। सतर्क पुलिस टीम ने उनका पीछा किया और काफी दूर तक पीछा करने के बाद आखिरकार उन्हें पकड़ लिया। पकड़े गए आरोपियों की पहचान कासमुद्दीन और अजय कुमार के रूप में हुई। आरोपियों की तलाशी लेने पर कासमुद्दीन के पास से सात कट्टे और 11 कारतूस तथा अजय के पास से आठ कट्टे और 27 कारतूस बरामद हुए। आरोपियों से पूछताछ के बाद पुलिस ने इनके एक और साथी हाशिम को अरेस्ट कर उसके पास से भी एक अवैध कट्टा बरामद किया। पूछताछ के दौरान कासमुद्दीन ने खुलासा किया कि वह 10 साल पहले अपने साढू रमजान के साथ मुजफ्फर नगर में अवैध हथियार बनाने का काम करता था।

रमजान की मृत्यु के बाद वह अपने गांव पालदी, बागपत आ गया और वहां अवैध हथियार बनाने का काम शुरू कर दिया लेकिन उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा पकड़ा गया। तीन साल पहले वह लोनी आया और वहां उसने एक बैल्डिंग की दुकान खोली। इसी बैल्डिंग शाप की आड़ में कासमुद्दीन अवैध कट्टे बनाता था जोकि सस्ते और अच्छे होने के चलते दिल्ली-एनसीआर के अपराधियों के बीच काफी पसंद किए जा रहे थे। जब दिल्ली पुलिस ने कई अपराधियों से उनके पास मौजूद अवैध कट्टों के बारे में पूछा तो उन्होंने इसे कासमू द्वारा बनाए गए कट्टे बताया। इसी साधारण-सी जानकारी पर काम करते हुए नार्थ-ईर्स्ट के स्पेशल स्टाफ की टीम ने कासमू और उसके साथियों को अरेस्ट कर लिया।

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