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बीएसएफ का जागरुकता अभियान - नशीली दवाओं के दुरुपयोग-तस्करी के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस

👤 admin6 | Updated on:23 Jun 2017 7:32 PM GMT
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वीर अर्जुन संवाददाता

नई दिल्ली। सीमा सुरक्षा बल ने `नशीली दवाओं के दुरुपयोग और तस्करी के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस' के संदर्भ में साइकिल रैली द्वारा जागरुकता अभियान चला कर अपनी प्रतिबद्धता प्रस्तुत की।

यह दिन ड्रग्स से उत्पन्न सामाजिक बुराईयों से लड़ने की याद दिलाता है। नशे के आदी लोगों के लिये नशा मानसिक और शारीरिक समस्याएं तो पैदा करता ही है, प्रशासनिक और सामाजिक संस्थाओं के साथ ही समाज को भी यह समस्या कई स्तरों पर प्रभावित करती है। सीमा सुरक्षा बल अपनी सामाजिक जिम्मेवारियों के प्रति सदैव सचेत रहा है और इसने राष्ट्रीय कारणें में योगदान की अपनी महत्वपूर्ण भूमिका को कुशलतापूर्वक निभाया है। मादक पदार्थों के बढ़ते प्रचलन के कारण पारंपरिक मूल्यें में हो रही गिरावट के कारण समुदायों और परिवारों की चिंताएं बढ़ी हैं। अपने इन्हीं कार्पामों के सफर में एक और कदम आगे बढ़ते हुए आज `बावा' ने सीमा सुरक्षा बल की सहभागिता से नई दिल्ली के इंडिया गेट पर एक वृहद् साइकिल रैली का आयोजन किया, जिसमें सीमा सुरक्षा बल सदस्यों के साथ ही उनके परिजन कंधे से कंधा मिलाते हुए ' पिहीजे वित कतनहे तिमम पदकपं' का स्लोगन लिये साथ चले। `नशा मुक्त भारत' के संदेश को लिये इस रैली के 350 सदस्यों का जत्था सुबह के 0700 बजे इंडिया गेट से रवाना हुआ जिसे `बावा' अध्यक्षा श्रीमती रेनू शर्मा ने रैली को `फ्लैग ऑफ' किया। पद्मश्री लवराज सिंह, सहायक कमांडेंट ने आरक्षक हरिंदर सिंह के साथ संयुक्त रूप से इस रैली का नेतृत्व किया। माउंट एवरेस्ट को 6 बार फतह करने वाले श्री लवराज सिंह पहले और एकलौते भारतीय हैं तो हरिंदर सिंह के नाम फरवरी 2017 में बहरीन में आयोजित हुई `छ"ाr एशियन पारा साइक्लिंग चैम्पियनशिप' में कांस्य पदक जीतने का श्रेय है। रैली के `फ्लैग ऑफ' के अवसर पर सीमा सुरक्षा बल के महानिदेशक श्री के. के. शर्मा सहित बल के वरिष्" अधिकारीगण और जवान भी मौजूद रहे, किंतु रैली का मुख्य आकर्षण थे मशहूर पहलवान और दो बार के ओलम्पिक पदक विजेता पद्मश्री सुशील कुमार तथा प्रसिद्ध पारा ओलम्पियन और दो बार के पारा ओलम्पिक स्वर्ण विजेता पद्मश्री देवेंद्र झाझड़िया, जो आज के कार्पाम के मुख्य अतिथि भी थे। उनका कहना था कि -`सीमा सुरक्षा बल के जवान सीमाओं की सुरक्षा का क"िनतम कार्य कुशलता से संपादित कर हमें शांति का जीवन प्रदान करते हैं। उनके इस बलिदान का प्रतिदान हम इन सामाजिक बुराईयों से लड़कर ही दे सकते हैं।' इस अवसर पर प्रसिद्ध सांस्कृतिक संस्था ` अस्मिता ' के कलाकारों ने एक नुक्कड़ नाटक की प्रस्तुति दी जो नशे से उत्पन्न होने वाली बुराईयों को रेखांकित करती थीं। विषयानुकूल यह प्रस्तुति बेहद जीवंत थी। ध्यान रहे कि ना सिर्फ राष्ट्र की एकता, अखंडता और संप्रभुता को दुश्मनों के प्रहारों से सुरक्षित रखने के लिये सीमा सुरक्षा बल सीमाओं पर मुस्तैद खड़ा है, अपितु नशे के अवैध व्यापार सरीखी सामाजिक बुराईयों को नष्ट करने में भी यह अग्रिम मोर्चे पर खड़ा है। सीमाओं के माध्यम से होने वाले नशे के अवैध व्यापार पर अंकुश लगाते हुए पिछले 12 महीनों में इस बल ने देश की पश्चिमी तथा पूर्वी सीमाओं पर कुल 02 सौ 38 किलोग्राम हेरोइन, 38 किलोग्राम अफीम, ढाई किलो ब्राउन शूगर, 150 किलोग्राम पोस्त तथा 13 हजार किलोग्राम गांजा जब्त किया है।

इन जब्त नशीले पदार्थों की कुल अनुमानित कीमत करीब 15 अरब रुपये है।गौरतलब है कि सीमा सुरक्षा बल सामाजिक दायित्वों, विशेषकर नशे के विरुद्ध, को निभाने में अटल भाव से राष्ट्र के साथ खड़ा है। इसके लिये आज का यह अभियान केवल आज तक ही सीमित ना रहकर निरंतर चलता रहेगा।

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