मेयो हॉस्पिटल ने सास-बहू को गुर्दा दान में देने के लिए सम्मानित किया
चंडीगढ़ सुनीता शास्त्राr। मेयो हॉस्पिटल मोहाली में करवाचौथ उत्सव बहुत ही खास अंदाज में मनाया गया। इस अवसर पर महिला किडनी रोगियों के लिए कई तरह वे कार्यकम आयोजित किये गये और गुर्दा दान करने वाली तथा गुर्दों का सफलतापूर्वक पत्यारोपण कराने वाली महिलाओं को सममानित किया गया। इस ईवेंट में, करनाल की सास-बहू की एक जोड़ी आकर्षण का पेंद रही। सास ने एक अनूठी मिसाल कायम करते हुए अपनी बहू को अपना एक गुर्दा दान कर दिया। कार्यकम के मुख्य अतिथि थे यूटी चंडीगढ़ के चीफ फाइनेंशियल सेपेटरी, श्री ए के सिन्हा। `करनाल की एक बहू, अंजू को इस करवाचौथ पर नया जीवन मिल गया, वयोंकि उनकी सास, श्रीमती बाला देवी ने अपना एक गुर्दा दान करके उनकी जान बचा ली। इस अनूठे रिश्ते और बाला देवी की इस अनुकरणीय पहल को हम अन्य महिलाओं के साथ शेयर करना चाहते थे। यह दुर्लभ उदाहरण साबित करता है कि गुर्दा दान करना पूरी तरह से सुरक्षित है और किडनी रोगियों के परिवार जनों को जरूरतमंद रिश्तेदारों को गुर्दे दान करने से डरने की जरूरत नहीं है,' मेयो हॉस्पिटल के किडनी ट्रांसप्लांट स्पेशलिस्ट डॉ. मनीष सिंगला ने बताया। वे ट्राईसिटी के एकमात्र ऐसे किडनी स्पेशलिस्ट हैं जिन्होंपेकनाडा से फैलोशिप ली हुई है। कार्यकम में मेयो हॉस्पिटल के अन्य डॉवटरों में डॉ. विरेंद धनकर, डॉ. मनोज शर्मा, डॉ. राजेश गुलिया, डॉ. करुण सिंगला और डॉ. राजपाल गाबा उपस्थित थे।