किसान फसल अवशेषों को न जलाएं बल्कि उसका करें सही निपटान ः डीसी विनय प्रताप
अमन सचदेवा
करनाल। जिलाधीश विनय प्रताप सिंह ने भारतीय दंड प्रािढया नियमावली 1973 की धारा 144 के अन्तर्गत तुरंत प्रभाव से जिला करनाल में गेहूं की फसल की कटाई के बाद बचे हुए अवशेषों को जलाने पर प्रतिबंद लगा दिया है। यह आदेश आगामी दो माह तक लागू रहेंगे। जिलाधीश ने बताया कि जिले की सीमा के अन्दर गेहूं की फसल की कटाई कम्बाईन मशीन करवाने के पश्चात इसके अवशेषों को जला दिया जाता है। इन अवशेषों को जलाने से होने वाले प्रदूषण से मनुष्य के स्वास्थ्य, सम्पत्ति की हानि, तनाव, ाढाsध तथा मानव जीवन को भारी खतरे की सम्भावना रहती है। इन अवशेषों को जलाने से पर्यावरण में क्षति, जमीन में पोषक तत्वों की क्षति, किसान मित्र जीवों की क्षति तथा जनमानस के स्वास्थ्य पर धुएं से दुष्प्रभाव पड़ता है। इसलिए तुरंत प्रभाव से जिला करनाल में गेहूं की फसल की कटाई के बाद बचे हुए अवशेषों को जलाने पर प्रतिबंद्ध लगा दिया गया है। उन्होंने किसानों से अपील की है कि व फसल अवशेषों को न जलाएं बल्कि उसका सही तरीके से निपटान करें। इन आदेशों की पालना सुनिश्चित करने के लिए उप-निदेशक कृषि विभाग करनाल, क्षेत्रीय अधिकारी हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड जगाधरी, जिला के सभी तहसीलदार, नायब तहसीलदार तथा संबंधित खंड पंचायत विकास अधिकारी उत्तरदायी होंगे। उन्होंने बताया कि जो भी इन आदेशों की अवहेलना करेगा। भारतीय दंड संहिता की धारा188 आईपीसी एवं संपठित वायु एवं प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम 1981 केतहत दंड का भागी होगा।