कसौली रिदम एंड बलूज फेस्टिवल के सातवें संस्करण की वापसी
चंडीगढ़ (सुनीता शास्त्राr)। कसौली के लहरदार पर्वतों के बीच जेनेसिस फाउंडेशन का कसौली रिदम एंड बलूज फेस्टिवल (केआरबीएप) अपने सातवें संस्करण के साथ वापस लौट आया है। इस फेस्टिवल में भारत के सर्वश्रेष्ठ संगीत कलाकार पस्तुतियों से जलवा बिखरने के लिए तैयार हैं। फांउडेशन द्वारा अनूठे ढंग से डिजाइन किया गया पूंजी जुटाने वाले यह अद्भुत कार्यत्रढम छोटे बच्चों की जिंदगी बचाने पर लक्षित है और इसकी पमुख पहलों में से एक है। मॉन्सटर डॉट कॉम से सहयोग से पाप्त कसौली रिदम एंड बलूज फेस्टिवल 2018ने खुद को भारत के अग्रणी संगीत महोत्सवों में से एक के रूप में स्थापित किया है। फाउंडेशन को विश्वास है कि संगीत परिवर्तन लाने का एक सकारात्मक और महत्वपूर्ण साधन है, इसलिये प ाउंडेशन ने भारत की विविधतापूर्ण संगीत पतिभा से स्थापित और आगामी कलाकारों को आमंत्रित किया है। ये कलाकार हृदय रोगों से गंभीर रूप से पीड़ित गरीब बच्चों को सहयोग देने के लिये पस्तुति देंगे। संगीत पेमी केवल संगीत सुनकर इस महान कार्य में योगदान दे सकते हैं। इस वर्ष पहाड़ों के बीच संगीतमय पस्तुतियों का आयोजन 30-31 मार्च 2018के ईस्टर वीकेंड में कसौली के वैकुण्ठ रिजॉर्ट्स में होगा। इस संगीत महोत्सव में 030मार्च को सूरज जगन पस्तुति देंगे, जिसके बाद दिल्ली के अनप्लग्ड अपनी धुनों से समा बांधेंगे और पिर बैंगलोर के रॉक संगीत के पणेता थर्मल एंड ए क्कार्टर का पदर्शन होगा। 31मार्च को रबबी शेरगिल अपने सूपी गीतों की झड़ी लगाएंगे। केआरबीएप में इंडी पॉप के अग्रणी बैंड्स में से एक व्हेन चाय मेट टोस्ट और रॉक संगीत विशेषज्ञ परवाज श्रोताओं को अपने गीतों से सम्मोहित करेंगे। जेनेसिस पाउंडेशन के संस्थापक ट्रस्टी सागर ने केआरबीएप के सातवें संस्करण के बारे में टिप्पणी करते हुये कहा, ``कसौली रिदम एंड बलूज फेस्टिवल ने पिछले सालों में जो इतना विकास किया है, उसे देखकर वाकई बहुत अच्छा लगता है।