इस युग में शरीरिक बल नहीं, मानसिक बल की जरूरत है : अनीता शर्मा
लुधियाना, (राजकुमार)। पूरे देश में आज महिला दिवस मनाया जा रहा है जिसमें सरकार व नेता लोग महिला उत्थान के लिए हर वर्ष कई घोषणाएं कर देते हैं लेकिन वास्तव में आज तक महिलाओं को पुरुष पधान समाज में कोई न्याय नहीं मिला। बेलन ब्रिगेड की राष्टाrय अध्यक्ष अनीता शर्मा ने पेस वार्ता कहा कि आज हम आधुनिक युग में पहुँच चुके हैं। इस युग में शरीरिक बल नहीं मानसिक बल की जरूरत है। पुराने समय में हर कार्य करने के लिए चाहे युद्ध हो, खेतीबाडक्वी हो, जंगलों में शेर से लडक्वाई हो इनमें शरीरिक बल की जरूरत होती थी और यह शरीरिक बल ईश्वर ने पुरुषों को दिया था। इसलिए भय के अवसर पर नारी अपनी सुरक्षा के लिए पुरुषो पर निर्भर करती थी। अनीता शर्मा ने बताया कि आज के युग में सब कार्य दिमाग से होते हैं और यह दिमाग पुरुषो से ज्यादा महिलाओं में है जो अपनी समझ से सारा घर परिवार चलाती हैं और कम्प्यूटर पर बैठकर बिना शरीरिक बल, केवल दिमाग से वह पुरुषो से कही अधिक कार्य कर सकती है। लेकिन अपक्कसोस इस बात का है कि महिलाओं के पति मर्दो की सोच आज भी नहीं बदली इसलिए आज भी पुरुष पुराने समय में जिस तरह अपने शरीरिक बल से धनुष बाण तोडक्वकर महिलाओं को जीतकर लाते थे और उन्हें अपनी जागीर समझते थे। आज भी यही हालात है। अनीता ने अंत मे कहा कि चाहे दुनिया आधुनिक हो गई है लेकिन भारत के पुरुषो की सोच नहीं बदली और वे आज भी महिलाओं को केवल भोग की वस्तु या अपनी जागीर समझ कर महिलाओं से दुसरे दर्जे के नागरिक के समान व्यवहार किया जाता है। महिलाऐं घर, समाज में कहीं सुरक्षित नहीं हैं उन्हें कहीं न्याय नहीं मिलता। इसी वजह से एक महिला खुद अपनी कोख से बच्ची को जन्म देने से डरती है क्योकि उसे मालूम है कि बेटी सुरक्षा आज भी समाज में नहीं है। इसलिए पुरुष पधान समाज जब तक महिलाओं को इज्जत और सुरक्षा पदान नहीं करता तब तक इस देश में नारी सशक्पिकरण नहीं होगा।