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सीएमसी, लुधियाना में हैमोफिलिया कार्यशाला आयोजित करवाई गई

👤 Veer Arjun Desk 4 | Updated on:21 April 2018 2:05 PM GMT
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लुधियाना, (राजकुमार)। विश्व हेमोफिलिया दिवस हर साल 17 अप्रैल को दुनिया भर में मनाया जाता है और अप्रैल महिना हेमोफिलिया जागरूकता के लिए समर्पित है। मरीजों के साथ सी.एम.सी लुधियाना ने इसे 21 अप्रैल 2018 को मनाया।हैमोफिलिया एक ऐसी स्थिति है जिसमें एक विशिष्ट कारक 8 या 9 गायब है जो चोट के बाद रक्त को पकड़ने में मदद करता है। यह अनुमान लगाया गया है कि पैदा हुए हर 5000 पुरुषों में से 1 इस बीमारी से प्रभावित होता हैं। हैमोफिलिया फेडरेशन ऑफ इंडिया (एच.एफ.आई) के आंकड़ों के अनुसार, पूरे देश में 85 हेमोफिलिया अध्यायों में पंजीकृत 18000 हेमोफिलिया रोगी हैं।आज लगभग 150 मरीजों और उनके रिश्तेदारों ने समारोह में भाग लिया और निर्देशक डॉ. विलियम भट्टी ने मरीजों को प्रोत्साहित किया। डॉ.एम जोसेफ जॉन, डॉ.चचेसी फिलिप और डॉ .सुसुवीर सिंह ने विशेषज्ञ व्याख्यान दिए। सी.एम.सी के अध्ययन के अनुसार रजिस्ट्री डेटा के आधार पर 211 रोगी पंजाब में हेमोफिलिया ए (91.3ज्ञ्) के मरीज हैं,36 (8.7ज्ञ्) हेमोफिलिया बी के मरीज हैं जिसमे से 62.5ज्ञ् को गंभीर हेमोफिलिया हैं । 83.5ज्ञ् हेमोफिलिया ए जिनकी गंभीर स्तिथि हैं उनमे गंभीर विकृतियों का कारण बनता है। ट्रांसफ्यूजन पांमित पांमण 24 (18.3ज्ञ्) में पाए जाते हैं । यह बड़े पैमाने पर प्लाज्मा पांमण के कारण होता है जब प्रारंभिक दिनों में क्लोटिंग कारक सांद्रता उपलब्ध नहीं होने के कारण से हुआ । इस समूह की वर्तमान औसत आयु 22 साल हैं जबकि भारत की राष्ट्रीय औसत 27.6 साल हैं । पंजाब की आबादी के मुताबिक, हेमोफिलिया वाले मरीजों की अनुमानित संख्या 2844 होगी। हालांकि पंजाब में पर्सन्स विद हेमोफिल्लिया के अनुमानित मामलों में से केवल 7.4 फीसदी का निदान किया जाता है।


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