41 कवियों ने अपनी रचनाओं से बाबा नानक को भेंट किए श्रद्धा के फूल
चंडीगढ़ । श्री गुरु नानक देव जी के पवित्र चरण स्पर्श प्राप्त नगरी सुल्तानपुर लोधी में पावन वेईं के किनारे स्थित मुख्य पंडाल में सोमवार को हुए कवि दरबार में कवियों द्वारा 550वें प्रकाश पर्व के मौके पर बाबा नानक को अपनी रचनाओं द्वारा श्रद्धा के फूल भेंट किए गए। वित्तमंत्री पंजाब मनप्रीत सिंह बादल ने गुरमुखी लिपि के 41 अक्षरों की तर्ज पर कवि दरबार में अपनी रचनाओं को पढऩे के लिए चुने गए अपने क्षेत्र के 41 प्रसिद्ध कवियों का मुख्य पंडाल में पहुंचने पर स्वागत किया।
इस मौके पर पंजाब के कैबिनेट मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार कैप्टन संदीप संधु, स्थानीय विधायक नवतेज सिंह चीमा ने भी गुरु दरबार में हाजिरी भरी। जबकि इस त्रिभाषीय कवि दरबार का संचालन पंजाबी के प्रसिद्ध कवि सुरजीत पातर ने किया। जालंधर से आए कवि गुरदीप सिंह औलख ने सिखी असूलों को समर्पित इस रचना से कवि दरबार की शुरुआत की। इसके बाद उर्दू के शायर कशिश होशियारपुरी ने अपनी रचना से हाजिरी भरी।
डा. सुखजिंदर कोर ने बाबा नानक के अपनी बहन नानकी से रिश्ते को बयान करती कविता तरुन्नुम पेश की। उर्दू शायर बी.डी कालिया हमदम ने नकाम पेश की। अमरजीत सिंह अमर, फरतूल चंद फक्कर, डा. रुबीना शबनम, मुकेश आलम, सुखदीप कोर, मनविंदर सिंह धनोआ, नूर मुहम्द नूर, महक भारती, फकीरचंद तुली, दर्शन सिंह बुट्टर ने अपनी रचनाओं से गुरु साहिब की जिंदगी तथा दर्शन को बयान किया।
इस मौके पर कुलवंत सिंह ग्रेवाल, डा. मोहनजीत, स. गुरभजन सिंह गिल्ल, अनूप सिंह विर्क, मोहन सपरा, गुरचरण सिंह, लियाकत जाफरी, अजमल खान, जसप्रीत कोर फलक, नौशाह अमरोहवी, लखमीर सिंह आदि ने भी श्री गुरु नानक देव जी के जीवन सिद्धांतों संबंधी अपनी कविताएं पेश की। राबिंदर सिंह मसरुर की कविता से इस कवि सम्मेलन का समापन हुआ।