Home » पंजाब » पंजाब में ब्लैक आउट की आशंका , किसान आंदोलन के चलते भारी कोयला संकट

पंजाब में ब्लैक आउट की आशंका , किसान आंदोलन के चलते भारी कोयला संकट

👤 Veer Arjun | Updated on:11 Oct 2020 8:52 AM GMT

पंजाब में ब्लैक आउट की आशंका , किसान आंदोलन के चलते भारी कोयला संकट

Share Post

चंडीगढ़ । पंजाब में बिजली का संकट गहरा सकता है। ऐसी संभावना बन रही है कि पंजाब ब्लैकआउट को देख सकता है। यह संकट कोयले की कमी से आने की संभावना है। पंजाब में केंद्रीय कृषि अधिनियम को लेकर किसान पिछले 17 दिनों से आंदोलन पर हैं और रेलगाड़ियां ठप्प कर रखी है , जिसके चलते पंजाब में रेल आवाजाही बिल्कुल बंद है। इसी के चलते पंजाब में कोयले की सप्लाई अन्य राज्यों से नहीं हो पा रही।

पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा है कि पंजाब के पास अब मात्र 3 दिन का कोयला स्टॉक ही बचा है ,अगर किसानों ने रेल रोको आंदोलन बंद ना किया अथवा माल गाड़ियों को जाने की अनुमति नहीं तो पंजाब में बिजली उत्पादन पर गंभीर संकट के बादल आ जाएंगे और पंजाब में ब्लैक आउट और बिजली कट लगने के अलावा कोई चारा नहीं रहेगा।पंजाब सरकार ने पंजाब के तीन मंत्रियों की एक कमेटी का गठन किया है ,जो किसानों से इस संदर्भ में बात करेगी। इस 3 सदस्य कमेटी में मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा, तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा और सुखबिंदर सिंह सरकारिया शामिल है।

इधर किसान जिन कारपोरेट घरानों को लेकर राज्य में विरोध कर रहे हैं पंजाब उन्हीं कारपोरेट घरानों से बिजली खरीदने पर मजबूर हो रहा है। फिलहाल पंजाब अंबानी ग्रुप की मालकियत वाले रिलायंस से प्रतिदिन 550 मेगावाट बिजली खरीद रहा है ,जबकि बिजली समझौतों के तहत अंबानी ग्रुप से उसने आगामी 18 वर्ष तक बिजली खरीदनी है। इसी प्रकार पंजाब में अदानी ग्रुप वाले विंड पावर प्रोजेक्ट से भी बिजली खरीदनी है। इसके साथ-साथ पंजाब टाटा मुद्रा पावर परियोजना से भी 475 मेगावाट बिजली खरीद रहा है।

इधर किसान आंदोलन के दौरान ही कुछ किसान संगठन इस बात के पक्ष में है के गेहूं की बिजाई के लिए और खाद -कोयले के लिए माल गाड़ियों को निकलने दिया जाना चाहिए ,जबकि शेष किसान संगठन गेहूं की बिजाई आंदोलन तक स्थगित करने का प्रस्ताव दे रही है. इसी मुद्दे पर दो हिस्सों में बंटते नज़र आ रहे हैं। किसान संगठनों ने एक बैठक 15 अक्टूबर को बुला रखी है ,जबकि इसी के चलते एक अन्य बैठक 13 अक्टूबर को भी रख ली गई है. किसान -मजदूर संगठनों की एक बैठक आज भी रखी गई है।

दूसरी ओर किसानों के इसी आंदोलन के चलते पंजाब की सबसे बड़ी श्री गुरु गोविंद सिंह रिफाइनरी पर भी संकट बनना शुरू हो गया है क्योंकि किसान रिफाइनरी की तरफ जाती रेल पटरी पर धरने पर बैठ गए हैं, जिसके चलते उनका काम भी ठप होने की तरफ बढ़ रहा है। किसान ऐसा कारपोरेट घरानों के विरोध के मद्देनजर कर रहे हैं।

Share it
Top