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आयुर्वेद में शोध कार्यों को बढ़ावा दें - राज्यपाल
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वीर अर्जुन संवाददाता
जोधपुर। कुलाधिपति एवं राज्यपाल श्री कल्याण सिंह ने कहा है कि मानव जीवन में परिस्थितियां बदल रही हैं। जीने के तरीके बदल रहे हैं। सोच बदल रही है। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में आयुर्वेद चिकित्सकों का दायित्व बढ़ रहा है। आयुर्वेद में शोध कार्यों को बढ़ावा देना होगा। बदलती जीवन शैली में स्वस्थ रहने की प्रवीणता हासिल करने के अनुसंधान निरन्तर करने होंगे। राज्यपाल श्री सिंह जोधपुर में डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय के द्वितीय दीक्षान्त समारोह को संबोधित कर रहे थे। राज्यपाल ने छात्र व छात्राओं को उपाधियां व स्वर्ण पदक प्रदान किये।
कुलाधिपति श्री सिंह ने कहा कि आयुर्वेद जीवन विज्ञान है। यह जीवन के सभी पक्षों को छूता है। आयुर्वेद में पुरुषार्थ चतुष्ट्य यथा धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष को सार्थक ढंग से प्राप्त करने का वर्णन उपलब्ध है। जीवन का आदर्श व्यावहारिक पक्ष व्यक्ति को स्वस्थ रखता है। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद हमें सद्वृत्त सिखाता है। सदाचरण के द्वारा यह व्यक्ति को मानसिक, बौद्धिक और आध्यात्मिक सम्बल भी प्रदान करता है। आयुर्वेद ऐसा स्वास्थ्य विज्ञान है, जो स्वस्थ व्यक्ति के स्वास्थ्य संरक्षण पर जोर देता है ताकि कोई व्यक्ति बीमार ही न पड़े। राज्यपाल ने कहा कि आयुर्वेद प्राचीन स्वास्थ्य विज्ञान है। भारत की यह अनुपम धरोहर है। यह मानव कल्याण को समर्पित है। उन्होंने कहा कि चिकित्सा निष्फल नहीं होती है। चिकित्सक को धन, यश के साथ मानव सेवा का पुण्य भी प्राप्त होता है। श्री सिंह का मानना था कि आयुर्वेद की कई औषधियाँ रसोईघर में उपलब्ध होती हैं, जो घरेलू नुस्खों के रूप में भारत के जन-जन में लोकप्रिय हैं। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद में अनुसंधान हो रहे हैं, जो कैंसर, डायबिटीज जैसी जटिल बीमारियों में कारगर सिद्ध हो रहे हैैं।
चिकित्सा, स्वास्थ्य व आयुर्वेद राज्य मंत्री श्री बंशीधर खण्डेला ने कहा कि राज्य सरकार ने आमजन को लाभान्वित करने के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में एलोपैथिक चिकित्सकों के साथ ही आयुष चिकित्सकों को एक ही छत के नीचे कार्यरत किया है।
आमजन की सुविधा के लिए जिला स्तर पर पंचकर्म व योग के साथ प्राकृतिक चिकित्सा केन्द्रोंं की विशिष्ट सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही है। समारोह को भारतीय चिकित्सा केन्द्रीय परिषद की अध्यक्ष डॉ. वनीता आर मुरली कुमार ने भी संबोधित किया। कुलपति श्री राधेश्याम शर्मा ने विश्वविद्यालय का प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।राज्यपाल श्री सिंह ने डा0 सर्वपल्ली राधाकृष्णन आयुर्वेद विश्वविद्यालय के चिकित्सालय में नवनिर्मित चरक कुटीर काटेज वार्डो का उद्घाटन व फार्मेसी तथा केन्द्रीय पुस्तकालय का लोकार्पण किया।
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