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अन्नपूर्णा भण्डार लांच करने वाला राजस्थान देश का एकमात्र राज्य

👤 Veer Arjun Desk 4 | Updated on:11 Dec 2017 5:41 PM GMT
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वीर अर्जुन संवाददाता

जयपुर। राजस्थान में वसुंधरा राजे के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद वर्तमान में 5901 अन्नपूर्णा भण्डार सफलतापूर्वक कार्य कर रहे हैं। यह अनूठी योजना लागू करने वाला राजस्थान पूरे देश में एकमात्र राज्य है। नवाचार के रूप में आमजन को उचित मूल्य की दुकानों पर उच्च गुणवत्ता युक्त मल्टी-ब्रॉण्ड वस्तुएं अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) से भी कम दरों पर उपलब्घ करवाने के लिए मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने देश की पहली आधुनिक सार्वजनिक वितरण प्रणाली अन्तर्गत (पीडीएस) अन्नपूर्णा भण्डार योजना का शुभारम्भ कर एक नए दौर की शुरूआत की है।
सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत वितरण व्यवस्था में पारदर्शिता लाने एवं कालाबाजारी को रोकने के लिए डिजिटाइज्ड राशन काड्र्स के डेटाबेस आधार पर नवाचार के रूप में पोस (पीओएस) मशीन के माध्यम से बायोमैट्रिक सत्यापन के बाद खाद्यान्न वितरण किया जा रहा है। पोस मशीन से होने वाले वितरण का सम्पूर्ण रिकॉर्ड ऑनलाइन रहने से किसी भी समय किसी भी स्तर पर राशन सामग्री के स्टॉक का भौतिक सत्यापन संभव है। सितम्बर 2016 से अक्टूबर 2017 तक 16.31 करोड लेन-देन (ट्रांजेक्शन) किए जा चुके हैं। सरकार ने यह कदम राशन की कालाबाजारी किए जाने की खबरों के मद्देनजर उठाया है और डीलर्स के बारे में शिकायतें मिलने पर तत्काल उनकी जांच की जा रही है।
पोस मशीन से राशन सामग्री लेने के दौरान उपभोक्ताओं को किसी भी तरह की समस्याओं के समाधान के लिए हेल्पलाइन नम्बर 1800-180-6127 (समस्त कार्यदिवस पर प्रात: 8 से सांयकाल 8 बजे तक) पर सम्पर्क किया जा सकता है। जिन उपभोक्ताओं के पास स्मार्ट फोन है वे इसकी शिकायत वॉट्सएप्प के माध्यम से भी कर सकते हैं। निराकरण के लिए किसी भी समय कोई भी उपभोक्ता हाल ही विभाग की ओर से जारी व्हाट्सअप नम्बर 7230086030 पर संदेश के जरिए सम्पर्क करते हुए अपनी शिकायतें दर्ज करा सकते हैं। विभागीय स्तर पर संबंधित अधिकारी द्वारा उपभोक्ताओं की शिकायतों का तय समय में निस्तारण करने की कार्यवाही की जाएगी।
राज्य में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2 अक्टूबर, 2013 से लागू है। प्रदेश में वर्तमान सरकार द्वारा योजना के अंतर्गत लगभग 4.32 करोड पात्र व्यक्तियों को लाभान्वित किया गया है। जिसमें अन्त्योदय परिवारों को 35 किलोग्राम प्रति परिवार एवं अन्य सभी पात्र परिवारों को 5 किलो प्रति यूनिट गेंहूॅ 2 रुपए प्रति किलो ग्राम की दर से देय है। साथ ही योजना से संबंधित पात्र परिवारों के नामों को भी अपीलीय प्रक्रिया के माध्यम से जोड़ जाकर लाभान्वित किया जा रहा है।
उपभोक्ता को त्वरित राहत प्रदान करने के लिये राज्य उपभोक्ता हैल्पलाइन में षिकायत निवारण के लिये ऑनलाइन शिकायत की व्यवस्था की गई है। उपभोक्ता अपनी शिकायत टोल फ्री नं0 1800-180-6030 या ऑनलाइन शिकायत कंज्यूमरएडवाइज डॉट इन अथवा स्वयं कार्यालय में आकर दर्ज कराकर समाधान पा सकता है। अब तक 39776 शिकायतों का निस्तारण किया गया है।
वर्तमान वसुधरा सरकार के आदेश हैं कि किसी भी उपभोक्ता को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत खाद्य सूची में नाम को लेकर कोई परेशानी, पोस मशीन से लेने वाली अपनी राशन सामग्री, किसी भी तरह का उत्पाद खरीदते समय मापतौल, किसी भी उत्पाद पर अंकित एक्सपाइरी डेट, गुणवत्ता, मात्रा एवं अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) से अधिक मूल्य वसूले जाने, एलपीजी गैस इत्यादि समस्याओं के निराकरण के लिए किसी भी समय कोई भी उपभोक्ता हाल ही विभाग की ओर से जारी व्हाट्सअप नम्बर 7230086030 पर संदेश के जरिए सम्पर्क करते हुए अपनी शिकायतें दर्ज करा सकते हैं। विभागीय स्तर पर संबंधित अधिकारी द्वारा उपभोक्ताओं की शिकायतों का तय समय में निस्तारण करने की कार्यवाही की जाएगी।
राज्य के उपभोक्ताओं के लिए सार्वकालिक महत्वपूर्ण उपलब्धि है कि भारत सरकार की तर्ज पर ही विधिक माप विज्ञान (लीगल मैट्रोलोजी) विभाग अब उपभोक्ता मामले विभाग से संबद्ध कर दिया गया है। विधिक माप विज्ञान प्र्रकोष्ठ में विभिन्न प्रकार के 288 मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें से 130 का निस्तारण कर संबंधित को राहत प्रदान की गई।

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