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इन्स्टीट्यूट ऑफ ट्रोमेटोलोजी भवन को एसएमएस अस्पताल से जोडऩे का काम अंतिम चरण में
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वीर अर्जुन संवाददाता
जयपुर। बढ़ते सडक़ हादसों के में घायल लोगों के लिए पहला एक घंटा 'गोल्डन आवर' कहा जाता है, और इस अवधि में उसे सही एवं गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा मिल जाए तो रोगी को मौत के मुंह में जाने से बचाया जा सकता है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए श्रीमती वसुंधरा राजे के नेतृत्व में भाजपा सरकार ने अनेक कदम उठाए हैं। कुछ निजी अस्पतालों को सरकार ने इस प्रकार के केसेज का इलाज करने की इजाजत दी है वहीं आपातकालीन एवं एक्सीडेन्ट केसेस् का तुरन्त इलाज करने के लिये आवश्यक ट्रोमा उपचार की व्यवस्था सुदृढीकरण करने के लिए जयपुर में इन्स्टीट्यूट ऑफ ट्रोमेटोलोजी का भवन पूर्णत: पूरी तरह से कार्य करने लगा है। वहीं इसे एसएमएस अस्पताल से जोडऩे के लिए अण्डरपास बनाने का काम भी करीब-करीब पूरा हो चुका है।
राज्य में चिकित्सा सेवाओं के सुदृढीकरण के लिए वर्तमान सरकार ने मेडिकल कॉलेज से संबद्ध चिकित्सालयों में नैदानिक (डायग्नोस) सुविधाओं को आमजन को उचित दरों पर गुणवत्तापूर्ण एवं समय पर उपलब्ध कराने के लिए अजमेर में पीपीपी मोड पर सीटी स्कैन एवं एम.आर.आई. तथा झालावाड़ में पीपीपी मोड पर सीटी स्कैन प्रारंभ कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त झालावाड़ तथा अजमेर में पीपीपी मोड पर डायलिसिस सुविधाएं तथा कौशल प्रशिक्षण का कार्य भी प्रारंभ करवा दिया है। बीकानेर मेडिकल कॉलेज में ट्रोमा सेन्टर तथा एम.सी.एच. विंग शुरू कर दी गई है तथा जोधपुर में संक्रामक रोग संस्थान शुरू कर दिया गया है। एस.एम.एस. मेडिकल कॉलेज में में यू.जी./पी.जी. सीटों की अभिवृद्धि के अनुसार महाविधालय परिसर में 3.00 करोड की लागत से नवीन एकादमिक भवन का निर्माण किया गया है। फिजिकल मेडिसिन एण्ड रिहैबिलिटेशन विभाग सवाई मानसिंह चिकित्सा महाविद्यालय में भारत सरकार के सहयोग से स्टेट स्पाईनलइंज्यूरी सेन्टर की स्थापना की गई है। वहीं हाल ही में झालावाड़ मेडिकल कॉलेज में स्वाईन फ्लू लैब, आरएनटी मेडिकल कॉलेज उदयपुर के कार्डियोलोजी विभाग में नई कैथलैब, नई कोबाल्ट मशीन की स्थापना कर सुचारू रूप से प्रारंभ कर दी गई है। मेडिकल कॉलेज कोटा में छात्र-छात्रा, छात्रावास का निर्माण कार्य, पीजी छात्रावास का निर्माण कार्य, दो नये लेक्चरर थियेटरर्स का निर्माण कार्य, प्रषासनिक भवन के विस्तार का निर्माण कार्य, एमबीएस चिकित्सालय एवं नवीन चिकित्सालय में ईमरजेन्सी मेडिसिन ईकाई का निर्माण कार्य, एमबीएस चिकित्सालय में सेन्ट्रल ड्रग वेयर हाउस का निर्माण कार्य , नवीन चिकित्सालय कोटा में जेरियाट्रिक मेडिसिन ईकाई का निर्माण कार्य, एमबीएस चिकित्सालय में पीएमआर ईकाई का निर्माण कार्य, जेके लोन चिकित्सालय में 45 शैय्याओं के वार्ड का निर्माण कार्य, एमबीएस चिकित्सालय में डपिंग स्टोरेज का निर्माण कार्य, नवीन चिकित्सालय, मेडिकल कॉलेज परिसर में ओवर हेड वाटर टेंक का निर्माण कार्य भी इन्हीें चार वर्षो की अवधि में पूरे किए गए। वहीं एमबीएस चिकित्सालय कोटा में नवीन न्यूरो आईसीयू प्रारम्भ किया गया।
इन चार वर्षो की अवधि में राजकीय जयपुरिया चिकित्सालय जयपुर को क्रमोन्नत किया जाकर 500 बैड के अस्पताल के रूप में विकसित किया गया जो कि विश्वविद्यालय के संघटक चिकित्सा महाविद्यालय का संलग्न अस्पताल है। राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के स्टाफ क्वाटर्स, फैकल्टी क्वाटर्स, रेजिडेन्ट हॉस्टल, नर्सेज हॉस्टल, बायज व गल्र्स हॉस्टल का निर्माण तैयार है। इसी प्रकार इन चार वर्षो के दौरान झालावाड़ में खुले मेडिकल कॉलेज में 5 क्लिनिकल विषयों में एवं 5 पैरा क्लिनिकल विषयों में पी0जी0 पाठ्यक्रम प्रारंभ किए गए तथा दो विषयों में पीएचडी और चार विषयों में एमएससी पाठ्यक्रम शुरू किए गए। इस मेडिकल कॉलेज में मणिपाल ग्रुप के साथ विभिन्न प्रकार की ट्रेंनिंग एवं नई सुविधाएं शुरू करने के लिए एमओयू पर पहले ही हस्ताक्षर किए जा चुके हैं। इसके अलावा स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी, केलीफोर्निया के साथ उच्चतर शिक्षण के लिए भी समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किए गए हैं। झालावाड़ मेडिकल कॉलेज अस्पताल में नियमित तौर पर जोड़ प्रत्यारोपण, न्यूरो सर्जरी, उ'चीकृत आईसीयू की सुविधाएं है वहीं जीवन संबल चेरीटेबल ट्रस्ट द्वारा चिकित्सालय के मरीजों एवं परिजनों के लिए नि:शुल्क भोजन सुविधा का प्रावधान है, यहां दूरबीन से जोड़ों की सर्जरी, पीडियाट्रिक आईसीयू भी उपलब्ध है।
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