माइक्रोन्यूट्रियंट की कमी से प्रीस्कूल जाने वाले बच्चों का मानसिक विकास धीमा हो सकता है : विशेषज्ञों की राय
वीर अर्जुन संवाददाता
जयपुर। विषेशज्ञों के अनुसार विटामिन और मिनरल की कमी से प्रीस्कूल जाने वाले बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित होते है। उनके अनुसार इससे न सिर्फ बच्चों के शारीरिक विकास पर असर पड़ता है बल्कि माइक्रोन्यूट्रियंट की कमी उनके मानसिक विकास को भी नकारात्मक रूप से प्रभावित करती है। मिनरल्स व विटामिंस की कमी बच्चों की याददाश्त, सीखने, सोचने और समझने की क्षमता को प्रभावित करती है। हाल ही में बच्चों पर विटामिन और मिनरल की कमी को जानने के लिए अध्ययन किया गया जिसमें 172 ग्रामीण, षहरी और झोपड़ी में रहने वाले बच्चों को षामिल किया गया। अध्ययन में 172 प्रीस्कूल जाने वाले बच्चों में से 141 (82 फीसदी) बच्चों में एक या एक से अधिक पोशक तत्वों की कमी पाई गई। इसमें आयरन, विटामिन ए, विटामिन सी, फोलिक एसिड और जिंक इत्यादि षामिल है। इसके अलावा एक अन्य कम्युनिटी आधारित अध्ययन में आठ राज्यों के 71591 ग्रामीण बच्चों ( 2 से 5 साल के) को षामिल किया गया जिसमें 67 फीसदी बच्चों में अनीमिया की समस्या का पता चला। आयरन की कमी से अनीमिया की समस्या होती है जो बच्चों में बहुत ज्यादा पाई जाती है और इस समस्या से बच्चों का मानसिक विकास अवरूद्ध हो सकता है। इससे बच्चों की याद करने की क्षमता को नुकसान पहुंचता है जिसे दोबारा नहीं पाया जा सकता।