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किसान की बेटी पींकू के सपने हुए साकार

👤 admin 4 | Updated on:24 Jun 2017 3:13 PM GMT
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वीर अर्जुन संवाददाता

जोधपुर। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की पहल पर बालिका शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए चलाई जा रही मुख्यमंत्री हमारी बेटियंा योजना के तहत जिले की लूणी पंचायत समिति के ग्राम सर के किसान परिवार की बेटी पींकू पटेल को अब अपने सपने साकार होते नजर आ रहे है।

श्री अचलदान बागरेचा राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय सालावास की छात्रा पींकू को माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की सैकेण्डरी परीक्षा में 90.67 प्रतिशत अंक प्राप्त करने पर एकमुश्त 15 हजार रूपये की नकद प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई। योजना के तहत लाभान्वित मेघावी छात्रा को जीवनभर 5 सितम्बर 2016 का वह दिन याद रहेगा जब स्वयं राज्य की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने वीडियो कंाफ ्रेसिंग द्वारा छात्रा को बधाई दी और उसके सपने को साकार करने का बीड़ा उठाया। जोधपुर जिले के सुदूर ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाली किसान परिवार की बालिका के लिए यह अत्यन्त महत्वपूर्ण पल था। योजना में चयनित होने के कारण पींकू पटेल को शैक्षणिक भ्रमण पर अंतर्राज्य दर्शन के लिए अन्य प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं के साथ अहमदाबाद भी ले जाया गया।

पींकू को कक्षा ग्यारहवीं व बारवहीं में अध्ययनरत रहते व्यवसायिक शिक्षण, समस्त शुल्क, खेल सुविधा, कोचिंग सुविधा व छात्रावास शुल्क, प्रतियोगिता परीक्षा शुल्क आदि के लिए अ धिकतम एक लाख रूपये तक का प्रतिवर्ष वित्तीय सहायता दी जाएगी। कक्षा बारहवीं के बाद भी उच्चतर अध्ययन के लिए प्रतिवर्ष दो लाख रूपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।

राज्य सरकार की हमारी बेटियंा योजना का धन्यवाद देते हुए छात्रा पींकू की माता सीतादेवी व पिता डूंगरराम की खुशी से अंाखे छलक उठती । डॅाक्टर बनने का सपना देखने वाली इस छात्रा को राज्य सरकार की महत्ती योजना का लाभ क्या मिला मानों इसे अपने सपने आंखों के सामने ही दिखने लग गए।

इस योजना के तहत वर्ष कक्षा 10 वीं की माध्यमिक शिक्षा बोर्ड परीक्षा में जिले की मैरिट में प्रथम दो स्थान प्राप्त करने वाली बालिकाओं तथा जिले की मेरिट में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली बीपीएल परिवार की बालिकाओं को स्नातक स्तर तक वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। इसके तहत चयनित बालिकाओं को कक्षा 1112 वीं के लिए व्यवसायिक शिक्षण, समस्त शुल्क, खेल सुविधा, कोचिंग सुविधा व छात्रावास शुल्क, प्रतियोगिता परीक्षा शुल्क आदि के लिए अधिकतम एक लाख रूपये तक का प्रतिवर्ष व्यय किया जाता है। कक्षा बारवहीं के बाद भी उच्चतर अध्ययन के लिए प्रतिवर्ष दो लाख रूपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।

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