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गृहमन्त्री ने कहा समिति के निर्णय होगा उनको मान्य उदयपुर, राजसमन्द एवं चितौडगढ के सांसदों का मिला समर्थन

👤 admin 4 | Updated on:24 Jun 2017 3:13 PM GMT
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वीर अर्जुन संवाददाता

उदयपुर। उदयपुर में राजस्थान उच्च न्यायालय की खण्डपीठ की मांग को लेकर सम्पूर्ण मेवाड-अंचल के अधिवक्ताओं के साथ अब जनप्रतिनिधियों ने भी सत्ता व सरकार के सामने हुंकार भरने का संकल्प लिया है।

अधिवक्ताओं के आव्हान के बाद जनआन्दोलन बने हाईकोर्ट बैंच आन्दोलन को विभिन्न जनप्रतिनिधियों ने अपना पूर्ण सहयोग देने का वादा किया है और कहा है कि वह सरकार से हरंसभव इसके लिये अनुषंशा करने का प्रयास करेंगे।

उन्होने अपना पूर्ण समर्थन भी आदिवासियों की इस जायज मांग एवं आन्दोलन को दिया है। इस आन्दोलन को जनआन्दोलन बनाने के साथ अब जनप्रतिनिधियों का आन्दोलन बनाने के क्रम में शनिवार को बी. एन सभागार में उदयपुर, अचल सहित सिरोही तक के सभी जनप्रतिनिधियों को आमन्त्रित किया गया था। मेवाड़-वागड़ हाईकोर्ट बैंच संघर्ष समिति, उदयपुर के बैनर तले आज आयोजित जनप्रतिनिधियों के सेमीनार में उदयपुर सांसद अर्जून लाल मीणा ने कहा कि उदयपुर में हाईकोर्ट बैंच की स्थापना की मांग का मुददा आमजन का मुददा है और इसको पूरा करने के लिये दलगत राजनीति से ऊपर उठकर वह संघर्श करेंगे। इस मांग का संबंध केवल अधिवक्ताओं से जूडा नहीं है, बल्कि आदिवासियों को सस्ता सुलभ न्याय दिलाने से है, जो उनकी नजर में सरकार में शामिल काबिना जनप्रतिनिधियों की पहली प्राथमिकता है।मीणा ने कहा कि सदैव केन्द्र व राज्य सरकार के समक्ष मेवाड के सभी जनप्रतिनिधियों ने अपनी पहली मांग राजस्थान उच्च न्यायालय की खण्डपीठ की स्थापना को बताया है और वह इस मांग को पूरा करने के लिये सदैव तत्पर है। मीणा ने कहा है कि मुख्यमन्त्री स्वयं टीएसपी कमेटी की चैयरमेन है तथा उनके माध्यम से उदयपुर की इस जायज मांग को लेकर शीघ्र ही सभी जनप्रतिनिधि राज्यपाल से भी मिलेंगें। चित्तौडगढ से सासंद चन्द्रप्रकाश जोशी ने कहा कि उदयपुर में राजस्थान उच्च न्यायालय की खण्डपीठ को उदयपुर के लिये अत्यावश्यक है और इसको पूरा कराने के लिये वह सदैव आदिवासियों एवं अधिवक्ताओं के साथ है। उन्होंने बताया कि केन्द्र की हो या राज्य सरकार बतौर जनप्रतिनिधि वह हमेशा इसके पक्षधर है। जोशी ने कहा कि उनकी कई बार विधिमन्त्री से इस मुददे को लेकर वार्ता हुई तथा उदयपुर को यह बैंच देना चाहती है लेकिन उसके पास इसका कोई प्रस्ताव नहीं है। जोशी ने बताया कि विधिमन्त्री ने आश्वस्त किया कि बैंच वहीं खोली जा सकती है जहां आदिवासियों की संख्या बाहुल्य हो। जोशी ने इस मांग को लेकर अपने सहयोगी सांसदों व विधायकों से मिल चुनाव से पूर्व इस मांग को राज्य सरकार से पूर्ण कराने का प्रयास करेंगे। सांसद जोषी ने इसको पूरे 8 जिलों की जनता की पहली जायज मांग करार दिया। दोनों सांसदों ने इस बात का भी संकल्प दोहराया कि हाईकोर्ट की पूर्णतया बैंच नहीं आने तक वह सरकार से सर्किट बैंच के लिये भी प्रयास करेंगे ताकि जनता को न्याय से वचित नहीं होना पडे। सम्मेलन में उदयपुर ग्रामीण विधायक फूूलसिंह मीणा ने कहा कि उदयपुर क्षेत्र में रहने वाले आदिवासियों की पीडा को उन्होंने सदन में उठाया है और सभी जनप्रतिनिधियों ने इस जायज मांग को मुख्यमन्त्री के समक्ष रखा तथा इसकी वकालात की, आगे भी इस मांग के समर्थन में सरकार के साथ वार्ता करेंगे। सलूम्बर विधायक अमृतलाल मीणा ने कहा कि संभाग के सभी सासदों व विधायकों ने मुख्यमन्त्री के समक्ष इस माग को रखा और आगे भी रखेंगे। मीणा ने कहा कि सरकार की मंषा भी है लेकिन कार्य होने में विलम्ब हो रहा है। धरियावाद के विधायक गोतमलाल मीणा ने इस मांग को जनता की जायज मांग बताया तथा उन्होंने सम्भाग के सभी सांसदों के नेतृत्व में मेवाड के सभी विधायकों को मुख्यमन्त्री से मिलकर इस मांग को सख्ती से रखने की बात कही और अपना पूर्ण सहयोग देेने का विश्वास दिलाया। खैरवाडा विधायक नानालाल अहारी ने कहा कि विधानसभा में मुख्यमन्त्री द्वारा पुछी गई तीन प्राथमिकताओं में मेवाड के सभी विधायकों ने इस मांग को अपनी पहली मांग के रूप में रखा। अहारी ने एक कमेटी बनाकर मुख्यमन्त्री से लगातार मिलकर इस मांग को पूरा कराने के प्रयास करने पर बल दिया। पूर्व सांसद महावीर भगोरा ने इस आन्दोलन को कडा करने के लिये आमरण अनशन करने तथा उसकी शुरूआत स्वयं से करने की बात कही। कोटडा प्रधान मुरारी लाल बुम्बरिया ने हाईकोर्ट बैंच आन्दोलन एवं कोटडा में बढते अपराध को जोडते हुए इसकी सख्त की आवश्यकता बताई। उन्होने आदिवासियों के हक के लिये सरकार से इस मांग को पूरा करने के लिये अपना पूर्ण समर्थन देकर पूर्ण करने का वादा किया। कुराबड प्रधान श्रीमती आसमा खान ने हाईकोर्ट बैंच की मांग को वाजिब मांग बताया तथा महिलाओं को न्याय पाने के लिये इसकी सख्त आवश्यकता बताई। इसके अलावा उदयपुर शहर को बी-2 श्रेणी के शहर की घोषणा के साथ सरकार से हाईकोर्ट बैंच की मांग के लिये वह सरकार से बात करने को तैयार है तथा उन्होंने अपना समर्थन व्यक्त किया। सेमारी प्रधान श्रीमती सोनल मेहरा ने आदिवासियों की आर्थिक स्थिति को बेहतर नहीं होने के लिए इस मांग को अत्यन्त आवश्यक बताया।

गृहमन्त्री ने कहा कि समिति के निर्णय के साथ -राज्य के गृहमन्त्री गुलाबचन्द कटारिया ने सम्मेलन में नहीं पंहुच पाने के बाद महासचिव षान्तिलाल पामेचा को समिति के निर्णय को सर्वमान्य मानते हुए साथ देने का वादा किया, जिसकी पृश्टि स्वयं सासद अर्जून लाल मीणा ने अपने उद्बोधन में की, जबकि राजसमन्द से नहीं पहुंच पायी किरण व हरिओम जल संसाधन मन्त्री किरण माहेष्वरी एवं संासद हरिओम सिंह एवं वहां के प्रधान एवं भीलवाडा जिले के सराडा विधायक डॉ बी. आर चौधरी समय पर कार्यक्रम में नहीं पहुंचे तथा ठीक समापन से पहले किरण ने संयोजक षान्तिलाल चपलोत को अब आने का पूछा लेकिन अध्यक्षीय उद्बोधन के बाद भी आने के समय लगने के कारण उन्हें मना कर दिया गया। तीनों ने भी अपना समर्थन व्यक्त किया।

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