संविधान सम्मत आरक्षण मौजूदा वक्त की जरूरत : आरएसएस
पुष्कर (अजमेर) । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने केंद्र सरकार के सौ दिन के कामकाज पर संतोष व्यक्त किया है। जम्मू-कश्मीर पर सरकार के निर्णय को ऐतिहासिक करार दिया गया है। राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) को संघ ने एक संवेदनशील मुद्दा माना है। संघ का कहना है कि एनआरसी की रिपोर्ट के आधार पर एक नीति बनाया जाना चाहिए। बैठक में संघ ने दलित व आरक्षण के मुद्दे पर अपनी राय रखी है। संघ ने आरक्षण का समर्थन करते हुए कहा कि संविधान सम्मत आरक्षण मौजूदा वक्त की जरूरत है।
तीन दिवसीय राष्ट्रीय समन्वय बैठक के समापन के बाद सोमवार को आरएसएस के सह-सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। उन्होंने अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी बनाने के निर्णय को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि यह उस क्षेत्र के विकास के लिए महत्वपूर्ण था। उन्होंने मोदी सरकार के 100 दिन के कामकाज को संतोषजनक बताया। इस दौरान अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख अरुण कुमार और अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख नरेन्द्र ठाकुर भी उपस्थित थे।
होसबोले ने बताया कि बैठक के दौरान इस मुद्दों पर चर्चा हुई है। इसके अलावा देश के मध्य जनजातीय क्षेत्रों पर भी बैठक में चर्चा हुई। संघ एक व्यापक योजना के साथ इन क्षेत्रों में काम कर रहा है। उस योजना का प्रजेंटेशन बैठक में दिया गया। उन्होंने कहा कि मुस्लिम समुदाय में भी राष्ट्रभक्त लोग हैं लेकिन उन्हें मदरसों की स्थिति को सुधारना चाहिए। दुनिया की सबसे बड़ी जनजातीय आबादी भारत में है। संघ उनके विकास की जरूरत महसूस कर रहा है। जनजातीय क्षेत्रों में धर्म परिवर्तन बड़ी चुनौती है। नक्सलवादी जनजातीय क्षेत्र के लोगों को उकसा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सीमा को लेकर कई चुनौतियां सामने आई हैं। इसमें घुसपैठ, नशे की तस्करी और धर्म परिवर्तन चिंता का विषय है। सरहद को प्रणाम कार्यक्रम का आयोजन संघ ने किया, जिसके सकारात्मक परिणाम आ रहे हैं। देश की जल व थल सीमाओं पर संघ के विभिन्न संगठन काम कर रहे हैं। बैठक के दौरान शिक्षा में संस्कार सहित अन्य विषयों पर गहराई से चिंतन हुआ। इस दौरान शिक्षा की गुणवत्ता पर भी चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि लंबे समय मे सांस्कृतिक जीवन मूल्यों में कमी आयी है। होसबोले ने महिलाओं की सुरक्षा पर भी बात रखी। उन्होंने कहा कि महिला सुरक्षा केवल सरकार का दायित्व नहीं है। इस मुद्दे पर सबको मिलकर काम करने की जरूरत है।
बैठक में पर्यावरण की रक्षा और उसके संवर्धन पर चर्चा हुई। इस दौरान आगरा व पुणे में एक दिवसीय कार्यशालाओं के आयोजन का निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि बैठक के दौरान पानी बचाओ व प्लास्टिक से परहेज का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि स्वदेशी जागरण मंच ने चीनी वस्तुओं के बहिष्कार का वातावरण तैयार किया है। इस दौरान उन्होंने मॉब लिंचिंग पर भी अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि समाज मे हिंसा के किसी भी प्रयास का संघ समर्थन नहीं करता है। एजेंसी