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मुख्यमंत्री गहलोत मेरी चुनौती कबूले : बेनीवाल

👤 manish kumar | Updated on:17 Oct 2019 6:04 AM GMT

मुख्यमंत्री गहलोत मेरी चुनौती कबूले : बेनीवाल

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झुंझुनू । राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी नेता व सांसद हनुमान बेनीवाल ने बुधवार को कहा कि वे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को चुनौती देते है कि यदि दोनों उपचुनाव सीटों पर कांग्रेस हारे तो वे इस्तीफा दे दें या फिर हनुमान बेनीवाल का भाई खींवसर में हार जाए तो हनुमान बेनीवाल सांसद पद से इस्तीफा दे दें। उन्होंने कहा कि यह मुख्यमंत्री को सशर्त चुनौती है। उन्होंने कहा कि खींवसर में अशोक गहलोत ने 14 मंत्री और 60 विधायकों को प्रचार में लगाया हुआ है।

बेनीवाल ने सरकारी मशीनरी के दुरूपयोग का सवाल भी उठाया। उन्होंने कहा कि अब तक खींवसर से 200 से अधिक अधिकारी और कर्मचारियों को हटाया गया है। वहीं आचार संहिता के बावजूद नागौर कलेक्टर ने दो दिन में 40 कर्मचारियों को हटा दिया। बिना कोई नोटिस और आरोपों के ना केवल खींवसर, बल्कि मंडावा में भी ऐसे ही हालात हो रहे है। जिसका जवाब जनता देगी।

उन्होंने कहा कि वे व्यक्तिगत रूप से भी चुनाव आयोग से मिलेंगे और कल इसके लिए चिट्ठी भी लिखेंगे, ताकि सरकार पर लगाम लगे। उन्होंने कहा कि उनके कार्यकर्ताओं को बिना कोई अपराध के नोटिस दिए जा रहे है और पाबंद किया जा रहे है।

उन्होंने इस मौके पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी पर भी निशाना साधा और कहा कि ओएसडी देवाराम सुपर सीएम है। कुलदीप रांका केवल नाम के है। उनके पास कोई सामान नहीं है। राठौड़ के साथ उनकी दूरियों पर भी बेनीवाल बोले कि जब दारिया के परिवार ने राठौड़ से समझौता कर लिया तो उन्हें राठौड़ से क्यों लडऩा है। वहीं राठौड़ पहले वसुंधरा राजे के पैरोकार थे, इसलिए भी उनकी कम बनती थी।

झुंझुनू में हुई प्रेस वार्ता में बेनीवाल ने एक बार फिर पूर्व मुख्यमंत्री राजे के खिलाफ आग उगली और कहा कि वे पूरी कोशिश में लगे हुए है कि वसुंधरा राजे को साइड लाइन कर दें। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव और उप चुनाव में हुए गठबंधन में पूरे प्रदेश की जनता ने देख लिया कि वसुंधरा राजे कहां थी? अभी भी कहां है?

प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा कि यदि वे विधानसभा चुनावों में तीसरा मोर्चा खड़ा नहीं करते तो वसुंधरा राजे के खिलाफ प्रदेश की जनता वोट कांग्रेस को दे जाती। आरएलपी समेत अन्य निर्दलीय और छोटी पार्टियों ने ही कांग्रेस को 99 पर रोका, इसलिए एक बहुत बड़ा काम विधानसभा में तीसरे मोर्चा ने किया। हिस

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