राजस्थान की धरती से गायब हो रहे गधे!
जयपुर । कुछ सालों पहले तक सडक़ों पर दौडऩे वाली गधा गाड़ी और गलियों में घूमते गधे आपने खूब देखे होंगे, लेकिन अब राजस्थान की धरती से गधे गायब हो रहे हैं। चौंकिए मत! यह हम नहीं कह रहे, बल्कि सरकारी आंकड़े इसकी पुष्टि कर रहे हैं। गायब होने का मतलब उनकी तादाद में कमी आने से हैं। सिर्फ गधे ही नहीं, प्रदेश में ऊंट भी इतनी तेजी से घट रहे है कि आने वाले समय में उन्हें सिर्फ तस्वीरों में देखा जा सकेगा। 20वीं पशु गणना की हाल ही में सार्वजनिक हुई रिपोर्ट में गधों व ऊंटों की तादाद में आ रही कमी का जिक्र किया गया है।
प्रदेश में ऊंट और गधों की संख्या में भारी गिरावट दर्ज की गई है। 20वीं पशु गणना में सामने आए आंकड़े चौंकाने वाले तो हैं ही, चिंतित करने वाले भी हैं। सुखद तथ्य यह है कि प्रदेश में गौवंश और भैंस वंश में कुछ बढ़ोतरी मिली है, लेकिन ऊंट और गधों की कम होती संख्या ने चिंता बढ़ा दी है। हाल ही में हुई 20वीं पशु गणना में ऊंटों की संख्या में 34.69 प्रतिशत तो गधों की संख्या में 71.31 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। इनके साथ ही भेड़ों, बकरियों, घोड़ों और खच्चरों की संख्या में भी कमी दर्ज की गई है। गौवंश और भैंसवंश की संख्या में थोड़ा इजाफा जरूर हुआ है। प्रदेश में वर्ष 2012 में 5 करोड़ 77 लाख पशुधन था, लेकिन वर्ष 2019 में यह तादाद घटकर 5 करोड़ 68 लाख रह गई है। इस अवधि में ऊंटों की तादाद 3.26 लाख से घटकर 2.13 लाख रह गई है, जबकि गधों की तादाद 81 हजार से घटकर महज 23 हजार रह गई है। भेड़ों का कुनबा 91 लाख से घटकर 79 लाख पर आ गई है। बकरियों की तादाद 2.16 करोड़ से घटकर 2.08 करोड़ रह गई है। घोड़े और खच्चरों की संख्या 38 हजार से घटकर 34 हजार पर आ गई है। गौवंश की संख्या 1.33 करोड़ से बढक़र 1.39 करोड़ और भैंसवंश की संख्या 1.30 करोड़ से बढक़र 1.37 करोड़ हो गई है। हिस