सरकार के 'हाइब्रिड फार्मूले' पर उप मुख्यमंत्री पायलट असहमत
सरकार के 'हाइब्रिड फार्मूले' पर उप मुख्यमंत्री पायलट असहमत
जयपुर । निकाय चुनाव के लिए राज्य सरकार की ओर से लिए गए फैसले ने सत्ता और संगठन को दो-फाड़ कर दिया है। कांग्रेस सरकार बनने के बाद से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच मतभेद आम है। पहले राजस्थान की कानून व्यवस्था और अब निकाय चुनावों में हाइब्रिड फार्मूले को लेकर पायलट ने अपनी ही सरकार से असहमति जता दी।
झुंझुनू में चुनाव प्रचार के दौरान पायलट ने पत्रकारों से चर्चा करते कहा कि इससे पार्टी के लोकतंत्र की मजबूती के लिए किए जा रहे प्रयासों को धक्का लगा है। इसके बारे में ना तो संगठन से चर्चा की गई और ना ही किसी को विश्वास में लिया गया। इससे बैकडोर एंट्री होगी। हमारी पार्टी व सरकार ने हमेशा कहा है कि लोकतंत्र मजबूत हो। जनता सीधा जुड़ाव रखें। इस प्रकार का जो निर्णय किया गया है, वे इससे सहमत नहीं है। उन्होंने कहा कि इस फैसले पर कैबिनेट में भी चर्चा नहीं हुई है।
गौरतलब है कि राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के रिश्तों में खटास की चर्चा गाहे-बगाहे होती रही है। कुछ समय पहले ही उप मुख्यमंत्री पायलट ने प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर टिप्पणी की थी। इसके बाद गहलोत और पायलट, दोनों दिल्ली में अलग-अलग अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिले थे। अब एक बार फिर पायलट ने सत्ता पक्ष के फैसले से असहमति जताकर इस खटास को दोबारा चर्चा का विषय बना दिया है।