Home » राजस्थान » गोवर्धन पूजन कर महिलाओं ने की सुख-समृद्धि की कामना

गोवर्धन पूजन कर महिलाओं ने की सुख-समृद्धि की कामना

👤 manish kumar | Updated on:28 Oct 2019 10:26 AM GMT

गोवर्धन पूजन कर महिलाओं ने की सुख-समृद्धि की कामना

Share Post

जयपुर ।दीपावली के अगले दिन राजधानी जयपुर गोवर्धन पूजन किया गया जिसे लेकर लोगों में उत्साह देखा गया। लोगों ने अपने अन्न, धन और संपत्ति की रक्षा के लिए गोवर्धन पूजा की।

महिलाओं ने गोवर्धन जी बनाए और पूजा अर्चना कर सुख-समृद्धि कामना की। उन्होंने इस दौरान परंपरागत गीत भी गाए। वहीं गोवर्धन जी को पूरे पापड़ी इत्यादि का भोग लगाया। इस मौके पर बच्चों ने पटाखे चलाए। राजधानी जयपुर में जगह जगह गोवर्धन पूजन की रौनक नजर आई।

गोवर्धन पूजा दिवाली के अगले दिन मनाई जाती है। इस दिन घर में किसी जगह ज्यादातर आंगन में गोबर से गोवर्धन पर्वत, गायों, ग्वालों आदि की आकृति बनाकर पूजा-अर्चना की जाती है। साथी ही परिक्रमा कर छप्पन भोग का प्रसाद बांटा जाता है।

किसानों ने बैल और गाय की पूजा की। मंदिरों में भी सुबह से ही आयोजन हुए, भगवान को अन्नकूट का भोग लगाया गया। मंदिरों में अन्नकूट प्रसाद के लिए सुबह से ही लोगों की खासी भीड़ देखी गई। गोवर्धन पूजा के दौरान दीपावली से अधिक रौनक रही। मंदिरों में ठाकुरजी को नई पोशाक धारण कराकर नए अनाज, बाजरा, मूंग, चौला, चावल, कढ़ी, मिक्स सब्जी, पुए, पकौड़ी आदि व्यंजनों का भगवान को भोग लगाया गया। इस अवसर पर गाय और बछड़े का पूजन किया गया।गोवर्धन पूजा और अन्नकूट के कारण सब्जी मंड़ियों में भी और दिन की अपेक्षा अधक भीड़ रही। सुबह जल्द ही लोग मंड़ी में सब्जी खरीदने पहुंच गए। लोगों ने फल और सब्जी की जमकर खरीद की। फूल-माला का विशेष महत्त्व होने से मंडी एवं आसपास में कई दुकानें भी लगी नजर आईं।

वहीं इस दिन अन्नकूट बनाने का भी खास महत्व है, इसलिए इसे अन्नकूट पूजा भी कहा जाता है। इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने इंद्र का अभिमान चकनाचूर कर बृजवासियों की रक्षा की थी। इसलिए इस दिन भगवान श्री कृष्ण की पूजा का भी विशेष महत्व है। गोबर से गोवर्धन की आकृति तैयार करने के बाद उसे फूलों से सजाया जाता है और शाम के समय इसकी पूजा की जाती है। पूजा में धूप, दीप, दूध नैवेद्य, जल, फल, खील व बताशे आदि का इस्तेमाल किया जाता है। कहा जाता है कि गोवर्धन पर्व के दिन मथुरा में स्थित गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। लेकिन लोग घरों में प्रतीकात्मक तौर पर गोवर्धन बनाकर उसकी पूजा करते हैं और उसकी परिक्रमा करते हैं।

चला रामा श्यामा का दौर

दीपावली का दूसरा दिन रामा श्यामा के नाम रहा। हर कोई दीपोत्सव की शुभकामनाएं देने के लिए अपने मित्र परिचित और परिजनों के यहां पहुंचा और उनका मुंह मीठा कराकर दीपोत्सव की शुभकामनाएं दी। वहीं गोवर्धन पर्व के साथ ही सुबह से ही भाजपा व कांग्रेस आला नेताओं के घर उनके समर्थक और कार्यकर्ताओं के जुटने का सिलसिला शुरू हो गया था। दीपावली की शुभकामनाएं देने के लिए पहुंचे इन कार्यकर्ताओं में आगामी निकाय चुनावों के कई टिकटार्थी भी शामिल रहे। टिकट चाहने वाले कार्यकर्ता अधिकतर उन नेताओं के घरों तक पहुंचे जो प्रदेश भाजपा कोर कमेटी के सदस्य हैं। वहीं आने वाले निकाय चुनावों में टिकट की चाह रखने वाले राजनेता, बड़े पार्टी पदाधिकारियों के साथ ही जनता के बीच भी नजर आए। रामा श्यामा के दौरान उन्होंने एक दूसरे का मुंह मीठा कराया और दीपोत्सव के साथ ही गोवर्धन पूजन भीऔर शुभकामनाएं भी दी।

Share it
Top