menu-search
Tue Apr 23 2024 16:07:32 GMT+0530 (India Standard Time)
Visitors: 33776
सावन में ज्योतिर्लिंग उपासना से प्रसन्न हो जाते हैं भोलेनाथ
Share Post
सावन का महीन चल रहा है. हर तरफ भगवान शिव की जयकार हो रही है. इसलिए भगवान शिव की साकार रूप में पूजा लिंग स्वरुप में सबसे ज्यादा होती है. जहां इस लिंग रूप में भगवान ज्योति के रूप में विद्यमान रहते हैं, उसको ज्योतिर्लिंग कहते हैं.कुल मिलाकर भगवान शिव के द्वादश (बारह) ज्योतिर्लिंग हैं. सोमनाथ, मल्लिकार्जुन, महाकालेश्वर, ओंकारेश्वर, केदारनाथ, भीमाशंकर, विश्वनाथ, त्रयम्बकेश्वर, वैद्यनाथ, नागेश्वर, रामेश्वर, घुश्मेश्वर. अन्य शिवलिंगों की पूजा की तुलना में ज्योतिर्लिंगों की पूजा करना अधिक उत्तम होता है. अगर नित्य प्रातः केवल इन शिवलिंगों के नाम का स्मरण किया जाय तो, माना जाता है कि इससे सात जन्मों के पाप तक धुल जाते हैं. अगर आप इन शिवलिंगों के दर्शन नहीं कर पाते तो इनकी प्रतिकृति ( चित्र) लगाकर पूजा करने से भी आपको अपार लाभ हो सकता है.
घर में द्वादश ज्योतिर्लिंगो के चित्र लगाकर पूजा कर सकते हैं. इसके चित्र को लगाने के खास नियम हैं. चित्र को पूर्व या पश्चिम दिशा की ओर लगाएं और एक साथ सभी ज्योतिलिंगों के चित्र न लगाएं. अपनी आवश्यकता के अनुसार अगर आप ज्योतिर्लिंग का चित्र लगाते हैं तो ज्यादा बेहतर होगा. आप ये चित्र सावन महीने में किसी भी दिन अन्यथा सोमवार, पूर्णिमा,या शिवरात्री को लगा सकते हैं. जहां पर इस ज्योतिर्लिंग का चित्र लगायें बेहतर होगा कि वहां पर कोई और चित्र या देवी देवता की स्थापना न करें.
ज्योतिर्लिंगों की पूजा उपासना कैसे की जाएगी यह जानना बेहद जरूरी है. ज्योतिर्लिंग के समक्ष एक बड़ा पात्र रख लें. सबसे पहले भगवान शिव का ध्यान करके उसी पात्र में बेलपत्र, फल, धूप आदि अर्पित करें. फिर भगवान शिव का नाम जपते हुए उसी पात्र में दोनों हाथों से जल डालें. इसके बाद भगवान शिव के किसी मंत्र की कम से कम 3 या अधिक से अधिक 11 माला का जाप करें. जप के पश्चात भगवान शिव का ध्यान करें. सबसे अंत में द्वादश ज्योतिर्लिंगों का नाम लें और तब क्षमा प्रार्थना करें.
बीमारी से मुक्ति पाने के लिए - श्री वैद्यनाथ
शाप से मुक्ति पाने के लिए - श्री सोमनाथ
आयु रक्षा और स्वास्थ्य के लिए - श्री महाकाल
मुकदमों,प्रतियोगिता और शत्रु विजय के लिए - श्री रामेश्वरम
हर प्रकार की ग्रहों की पीड़ा से मुक्ति के लिए - श्री विश्वनाथ
© 2017 - 2018 Copyright Veer Arjun. All Rights reserved.
Designed by Hocalwire