नवरात्र का छठा दिन, कई समस्याओं का एक समाधान हैं मां कात्यायनी
नवरात्र के दिनों में हर दिन का अपना खास महत्व है. आज छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा की जा रही है. माता का ये स्वरूप सुख और शांति प्रधान करने वाला है।
ऐसा माना जाता है कि देवी कात्यायनी की पूजा करने से मन की शक्ति मजबूत होते हैं. अविवाहितों को देवी की पूजा करने से अच्छे जीवनसाथी मिलता है।
माना जाता है कि इन्हीं देवी ने महिषासुर का मर्दन किया था. इसलिए ही इन्हें महिषासुर मर्दनी के नाम से जाना जाता है. नवरात्र के छठे दिन खासतौर से मां कात्यायनी की पूजा की जाती है।
इन्हें होता है लाभ
मां कात्यायनी की पूजा उन लोगों को खासतौर से करनी चाहिए जिनके वैवाहिक जीवन में समस्याएं चल रही हैं. या जिनकी शादी नहीं हो रही है.
ये भी हैं लाभ
मां कात्यायनी की पूजा करने से भक्तों को कई समस्याओं से छुटकारा मिलता है. व्यक्ति को मन को नियंत्रित करने में मदद मिलती है. मन नियंत्रित करने की क्षमता भी बढ़ती है. अपनी सभी बुरी बातों, चिंताओं और व्यसनों से भी मुक्ति पा सकते हैं.
मां कात्यायनी का स्वरूप बेहद सुंदर है. उनका शरीर सोने जैसा सुनहरा और चमकदार है. मां 4 भुजाधारी है. उनके एक हाथ में तलवार और दूसरे हाथ में कमल का पुष्प धारण किया हुआ है. उनके बाकी दो हाथों में वरमुद्रा और अभयमुद्रा है।