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सांची में शुरू हुआ महाबोधि महोत्सव, केंद्रीय मंत्री पटेल ने किया शुभारंभ

👤 manish kumar | Updated on:23 Nov 2019 12:57 PM GMT

सांची में शुरू हुआ महाबोधि महोत्सव, केंद्रीय मंत्री पटेल ने किया शुभारंभ

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भोपाल/रायसेन । मध्यप्रदेश के रायसेन जिले में विश्व प्रसिद्ध बौद्ध पर्यटन स्थल सांची में शनिवार को दो दिवसीय महाबोधि महोत्सव की शुरुआत हुई। केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री प्रहलाद पटेल विधिवत पूजन-अर्चन कर महाबोधि महोत्सव का शुभारंभ किया। समारोह के शुभारंभ पर सबसे पहले चीन, जापान, श्रीलंका से आये बौद्ध धर्म अनुयायियों ने सांची के मंदिर की परिक्रमा की। इसके बाद नगर में प्रभात फैरी निकाली गई। इस वर्ष वियतनाम से लाई गईं 80-80 किलोग्राम वजनी क्रिस्टल बॉक्स में गौतमबुद्ध के शिष्य बौद्ध भिक्षु सारिपुत्र और महामोद ग्लायन की अस्थियों की सुबह केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल ने पूजा-अर्चना कर दर्शन किये। उसके बाद अस्थियां लोगों के दर्शन के लिए बाहर निकालकर रखी गईं। चैत्यगिरि विहार मंदिर की विशेष सजावट विदेशी मेहमानों द्वारा की गई है। वियतनाम से बतौर बौद्ध अनुयायी के रूप में महाबोधि महोत्सव में आस्था और भक्ति भाव के साथ शामिल होने के लिए आए हैं।

इसके अलावा इस दो दिवसीय महोत्सव में वियतनाम, सिंगापुर, थालैंड, जापान, श्रीलंका, म्यामार, भूटान, वर्मा सहित कई अन्य देशों से सैकड़ों बौद्ध अनुयायी और पर्यटक शामिल होंगे। इनमें वियतनाम से 150 बौद्ध अनुयायियों सहित, थाइलैंड, सिंगापुर, जापान और श्रीलंका का दल आ चुका है।

यातायात व्यवस्था को लेकर सांची में दो दिनों तक भारी वाहनों का प्रवेश रोक दिया गया है। वहीं विदिशा और भेापाल के बीच चलने वाले मध्यम भारी वाहन भी मेहगांव होते हुए चलेंगे। विदिशा रोड पर दो और भोपाल रोड पर तीन वाहन पार्किंग बनाई गईं। वीआईपी के लिए छठवीं पार्किंग विश्राम भवन के परिसर में बनाई गई है।

इस दो दिवसीय महाबोधि महोत्सव में सांस्कृति संध्या का शुभारंभ शनिवार को शाम 07 बजे होगा। कार्यक्रम में संस्कृति मंत्री डॉ विजयलक्ष्मी साधौ, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी, ग्रामोद्योग मंत्री तथा जिले के प्रभारी मंत्री हर्ष यादव तथा भारत में श्रीलंका के उच्चायुक्त आस्टीन फर्नान्डो सहित वियतनाम संघ एवं उपासक मंडल शामिल होंगे। कार्यक्रम की शुरुआत ध्रुपद शैली में सुरेखा कामले एवं उनके साथियों द्वारा बुद्ध वंदना तथा गीत से होगी। इसके पश्चात जापान के कलाकार माय मीचिओ यसुदा द्वारा जापान के लोकसंगीत की प्रस्तुति दी जाएगी। साथ ही चन्द्रमाधव बारीक के निर्देशन में जातक कथा स्वर्णमृग एकाग्र नाट्य प्रस्तुति एवं किशोर नृत्य निकेतन नागपुर द्वारा नृत्य नाटिका आम्रपाली की प्रस्तुति दी जाएगी।

महोत्सव के दूसरे दिन 24 नवंबर को श्रीलंका के लोकनृत्य तथा नृत्यनाटिका यशोधरा, भुवनेश्वर से आये अशोक कुमार घोषाल एवं साथी प्रस्तुत करेंगे। इसके पश्चात बोध विचार एकाग्र नाटिका शून्यता का मंचन होगा।

गौरतलब है कि सांची महाबोधि महोत्सव की शुरुआत वर्ष 1952 में नवम्बर के अंतिम रविवार को बौद्ध स्तूप परिसर स्थित चैत्यगिरि विहार मंदिर के लोकार्पण समारोह के रूप में हुई थी, जिसमें तत्कालीन प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू शामिल हुए थे। तब से हर साल नवंबर के अंतिम रविवार को इस महोत्सव को मनाने की परंपरा चली आ रही है। हिस

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