धूमधाम से निकाली गयी भगवान महाकाल की शाही सवारी, उमड़ा जनसैलाब
उज्जैन । उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकाल की कार्तिक-अगहन मास में निकलने वाली सवारियों के क्रम में सोमवार को महाकालेश्वर मंदिर से शाही सवारी निकाली गई। सवारी के दौरान भूतभावन अवंतिकानाथ भगवान महाकाल ने रजत पालकी में सवार होकर शाही ठाट-बांट से नगर का भ्रमण किया और अपनी प्रजा का हाल जाना। इस दौरान भगवान की एक झलक पाने के लिए श्रद्धालु लालायित थे। लाखों की संख्या में श्रद्धालु सवारी में शामिल हुए। पहली बार कार्तिक-अगहन की शाही सवारी का कारवां करीब एक किलोमीटर लंबा नजर आया।
महाकालेश्वर मंदिर के सभा मंडप में सोमवार शाम को चार बजे पूजन के बाद भगवान महाकाल की सवारी नगर भ्रमण के लिए रवाना हुई। मंदिर के द्वारा पर भगवान महाकाल को पुलिस बैंड और मंडलियों ने गॉर्ड ऑफ ऑनर दिया। इसके बाद सवारी जैसे ही मंदिर परिसर से बाहर आई, मुखमंडल पर कोटी सूर्य की आभा लिए भगवान चंद्रमौलेश्वर के दर्शन होते ही भक्त आल्हादित होकर जय महाकाल का घोष करने लगे। सवारी में संत महात्मा, स्वयं सेवक, भजन मंडल, झांझ डमरू दल शामिल थे।
भगवान महाकाल की सवारी अपने निर्धारित मार्गों से होते हुए क्षिप्रा नदी स्थित रामघाट पहुंची। यहां पुजारियों ने भगवान का शिप्रा जल से अभिषेक कर पूजा-अर्चना की। पूजन पश्चात सवारी वापस मंदिर के लिए रवाना हुई। सवारी के दौरान सबसे आगे ज्योतिर्लिंग का प्रतीक रजत ध्वज दंड था, जबकि पीछे पुलिस का अश्वरोही दल राजा की शाही शान का बखान करते हुए चल रहा था। अनुशासित सशस्त्र बल की टुकड़ी को लोग देखते ही रह गए। वहीं, पुलिस बैंड की समधुर स्वर लहरी ने भक्तों का मन मोह लिया। सवारी में शामिल विभिन्न दल केसरिया ध्वज लेकर साथ चल रहे थे। भगवान शिव का स्वरूप धारण कर भक्त झूमते हुए सवारी के साथ-साथ झूमते हुए नजर आए। भगवान महाकाल का शाही शान देख श्रद्धालु अभिभूत हो गए।